रांचीः झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रोमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) के अंतर्गत पलाश ब्रांड के तहत सखी मंडल की महिलाओं द्वारा प्राकृतिक उत्पादों से तैयार हर्बल गुलाल सुर्खियों में है. बाजार में इस गुलाल की मांग से महिलाओं के हुनर को हौसला मिला है.
राज्य की ग्रामीण महिलाओं के उत्पादों को बाजार में पहचान दिलाने के उद्देश्य से शुरू किए गए पलाश ब्रांड के अंतर्गत राज्यभर के विभिन्न जिलों की हजारों ग्रामीण महिला उद्यमियों द्वारा पलाश हर्बल गुलाल का उत्पादन किया ग. है. इस अभियान के अंतर्गत आज रांची, हजारीबाग, पलामू, चतरा, रामगढ़, खूंटी, लोहरदगा जिलों में पलाश हर्बल गुलाल प्रदर्शनी सह बिक्री स्टॉल लगाए गए हैं.
सखी मंडल की माहिलाओं का कहना है कि गुलाल तैयार करने में प्राकृतिक सामग्री का इस्तेमाल कर रहीं हैं, जो त्वचा को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता. इस हर्बल गुलाल में किसी भी प्रकार के रसायन या आर्टिफिशियल सामग्री का उपयोग नहीं किया गया है. इसे बनाने के लिए समूह की दीदियां फूल, फल और पत्तियों का इस्तेमाल कर रही हैं.
हरे रंग के लिए पालक, गुलाबी के लिए चुकंदर, पीले और नारंगी रंग के लिए पलाश व हल्दी, जबकि नीले रंग के लिए सिंद्धार समेत अन्य फूलों और पत्तियों के प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जा रहा है. साथ ही, गुलाल को सुगंधित बनाने के लिए प्राकृतिक एसेंस का भी समावेश किया गया है. रंग-बिरंगे गुलाल पांच वेराइटी में उपलब्ध हैं.
जेएसएलपीएस की मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी कंचन सिंह का कहना है, “पलाश ब्रांड के जरिए जेएसएलपीएस ग्रामीण महिलाओं के हाथों से बने उत्पादों को बाजार तक पहुंचा रहा है. पलाश हर्बल अबीर का उत्पादन न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि इससे हजारों ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक संबल भी मिल रहा है. पलाश ब्रांड के माध्यम से उनके उत्पादों को एक नई पहचान मिली है, जिससे उनकी आमदनी बढ़ रही है और ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा भी मिल रहा है.