दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनावों में अध्यक्ष समेत तीन पदों पर वामपंथी छात्र संगठनो- आइसा और डीएसएफ के उम्मीदवारों ने जीत का परचम लहराया है. जबकि संयुक्त सचिव का पद एबीवीपी के खाते में गया है. अध्यक्ष पद पर आईसा-डीएसएफ़ गठबंधन उम्मीदवार नीतीश कुमार ने एबीवीपी उम्मीदवार और निकटतम प्रतिद्वंद्वी शिखा स्वराज को हराया है.
अध्यक्ष समेत तीन महत्वपूर्ण पदों पर वामपंथी छात्र संगठनों की जीत से वाम दलों में भी उत्साह देखा जा रहा है. प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है.
आइसा- डीएसएफ ने अध्यक्ष के अलावा उपाध्यक्ष और महासचिव पद पर भी जीत हासिल की है. जेएनयूएसयू में इस बार यानी साल 2024-25 के चुनावों में क़रीब 70 फ़ीसदी वोटिंग हुई है. यह पिछले साल के चुनावों के मुक़ाबले थोड़ा कम है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, 7,906 वोटरों में से 5,500 वोटरों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है. जेएनयू छात्रसंघ चुनावों के लिए 25 अप्रैल यानी शुक्रवार को वोट डाले गए थे. इसके बाद वोटों की गिनती शुरू हुई.
जेएनयू छात्रसंघ के उपाध्यक्ष पद पर आईसा-डीएसएफ़ गठबंधन की मनीषा ने जीत हासिल की है. एबीवीपी की नीतू गौतम दूसरे नंबर पर रही हैं.
जेनएयू छात्रसंघ चुनावों के लिए हुए वोटिंग में महासचिव के पद पर आईसा-डीएसएफ़ उम्मीदवार मुंतेहा फ़ातिमा ने कब्जा किया है, जबकि एबीवीपी के कुणाल राय दूसरे नंबर पर रहे हैं.
जेनएयू छात्रसंघ चुनावों के लिए हुए वोटिंग में महासचिव के पद पर आईसा-डीएसएफ़ उम्मीदवार मुंतेहा फ़ातिमा ने कब्जा किया है, जबकि एबीवीपी के कुणाल राय दूसरे नंबर पर रहे हैं.
संयुक्त सचिव पद की बात करें तो इस पद एबीवीपी के उम्मीदवार वैभव मीणा को जीत मिली है.
वहीं आईसा-डीएसएफ़ के नरेश कुमार संयुक्त सचिव पद की लड़ाई में दूसरे नंबर पर रहे हैं.
इसके अलावा यूनिवर्सिटी में काउंसलर के 44 पद हैं, जिनके लिए भी वोटिंग हुई थी. इन 44 पदों पर जीत को लेकर दोनों खेमों के अपने- अपने दावे हैं.