केंद्र सरकार ने आगामी जनगणना में जाति गणना को भी शामिल करने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक में ने इस संबंध में फैसला लिया गया.
कैबिनेट बैठक में लिए फ़ैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सरकार ने अगली जनगणना में जाति जनगणना कराने का निर्णय भी लिया है. उन्होंने कहा कि जनगणना संघ का विषय है.
राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. इसके अलावा इस कमेटी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी इसमें शामिल हैं.
वैष्णव ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ही जातिगत जनगणना का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि साल 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जातिगत जनगणना का भरोसा दिलाया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ.
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ राज्यों ने जाति सर्वेक्षण अच्छे तरीके से किया है, जबकि कुछ ने राजनीतिक कारणों से ऐसा किया है.
मोदी सरकार के इस फैसले के बाद प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है.
उधर, कांग्रेस प्रवक्ता जयराम ने इस मामले लपर एक्स पर प्रतिक्रिया दी है.
जयराम रमेश ने 9 अप्रैल को अहमदाबाद में हुए कांग्रेस सम्मेलन के प्रस्ताव की कॉपी पोस्ट करते हुए लिखा, “सामाजिक न्याय को लेकर यह बात कांग्रेस के हालिया प्रस्ताव में कही गई थी, जो 9 अप्रैल 2025 को अहमदाबाद में पारित हुआ था. देर आए, दुरुस्त आए.”