कोडरमाः अफ्रीका के नाइजर में अगवा किए गए बगोदर के पांच प्रवासी मजदूरों का अब तक वापसी नहीं होने के मामले में भाकपा माले और अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (एपवा) ने आंदोलन का रुख अख्तियार कर लिया है.
रविवार को एपवा के बैनर तले हजारों महिलाओं ने कोडरमा की सड़कों पर मार्च किया. इसके बाद कोडरमा की सांसद और केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी के चाराडीह स्थित आवास के सामने रोषपूर्ण सभा की गई.
इससे पहले कोडरमा में केंद्रीय मंत्री के आवास के सामने प्रदर्शन को लेकर एहतियातन पुलिस ने बैरिकेड लगाए थे. केंद्रीय मंत्री के आवास के सामने बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी. मार्च का नेतृत्व एपवा की नेता सविता सिंह, जयंती चौधरी, नीलम शाहबादी ने किया.
इस दौरान महिलाएं मांग पत्र देने के लिए केंद्रीय मंत्री को सभा स्थल पर बुलाने की मांग पर अड़ी रहीं. लिन मंत्री नहीं आईं. गुस्साई महिलाओं ने मांग पत्र केंद्रीय मंत्री के आवास के बाहर चिपका दिया.
एपवा की मांग है कि प्रवासी मजदूरों की सकुशल वापसी और पीड़ित परिवार को प्रति माह 50 हजार रुपये भुगतान की गारंटी सुनिश्चित हो.

एपवा की नेताओं ने सभा में इन बातों पर जोर दिया कि केंद्र की सरकार बगोदर के पांच प्रवासी मजदूरों की सुकुशल वापसी को लेकर गंभीर नहीं है.
सभा को संबोधित करते हुए सविता सिंह ने कहा कि कोडरमा की सांसद और केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कभी पीड़ित परिवारों से मिलना भी मुनासिब नहीं समझा. दो महीने से प्रवासी मजदूरों के परिवार में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. केंद्र की सरकार दुनिया जहान की बात करती है, लेकिन मजदूरों की समस्या की कोई चिंता नहीं है.
सभा को जयंती चौधरी, पूनम महतो, मीना दास, कौशल्या दास, नीलम शाह वादी, सरिता साव, सरिता महतो, नीलम शाहबादी, पुष्पा विभादेव, रेनू पांडेय आदि ने भी संबोधित किया.
गोरतलब है कि दो महीने पहले बगोदर के प्रवासी मजदूर संजय महतो, फलजीत महतो, राजू महतो, उत्तम महतो, चंद्रिका महतो, दक्षिण अफ्रीका में बंधक हैं. हथियारबंद लोगों ने इनका अगवा किया है.
इसी ममले को लेकर बगोदर के पूर्व विधायक विनोद सिंह, राज्य सभा के सांसद सरफराज अहमद ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर मजदूरों की वापसी को लेकर पहल करने की मांग पहले ही कर चुके हैं.
भाकपा माले ने बगोदर में मजदूरो की वापसी की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया है. इन धरना प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल होती रही हैं.