उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा इस वर्ष 30 अप्रैल से शुरू होने जा रही है. यात्रा को सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए शासन और प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं. इसी कड़ी में परिवहन विभाग ने चारधाम यात्रा के लिए एक विस्तृत एडवाइजरी जारी की है, जिसमें यात्रा मार्गों पर वाहन संचालन से लेकर चालकों के लिए विशेष नियम शामिल किए गए हैं.
हर साल की तरह इस बार भी लाखों श्रद्धालुओं के गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के दर्शन के लिए पहुंचने का अनुमान है.
चारधाम यात्रा उत्तराखंड के लिए धार्मिक और आर्थिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है. हर साल इस यात्रा से राज्य को करोड़ों रुपए का राजस्व प्राप्त होता है और हजारों लोगों को रोजगार मिलता है. प्रशासन का दावा है कि इस बार यात्रा को पहले से अधिक व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. यात्रियों से भी अपील की गई है कि वे एडवाइजरी का पालन करें और यात्रा के दौरान प्रशासन का सहयोग करें.
यात्रा की तैयारियों के तहत सड़क मरम्मत, स्वास्थ्य सुविधाओं और ठहरने की व्यवस्था पर भी काम तेजी से चल रहा है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से यात्रा से पहले पंजीकरण कराने और मौसम की जानकारी लेने की सलाह दी है.
परिवहन विभाग की एडवाइजरी के अनुसार, पर्वतीय मार्गों पर रात के समय व्यवसायिक वाहनों के संचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. रात 10 से सुबह 4 बजे तक कोई भी व्यवसायिक वाहन चारधाम यात्रा मार्गों पर नहीं चल सकेगा. यह निर्णय पहाड़ी रास्तों पर रात के समय होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है. एडवाइजरी में और भी कई महत्वपूर्ण बिंदु शामिल किए गए हैं.