रांचीः देवघर में राजकीय श्रावणी मेला को लेकर राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने बुधवार को उच्च स्तरीय बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की. इस बैठक में उन्होंने राज्य मुख्यालय से लेकर जिले के अधिकारियों से भगदड़ की स्थिति नहीं बने, इसके लिए तय मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है.
उन्होंने कहा है कि श्रद्धालु एक जगह अधिक संख्या में इकट्ठे नहीं हों, इसके लिए ऐसी व्यवस्था बनायें कि वे छोटे-छोटे समूह में रहें. सुरक्षा व्यवस्था में तैनात कर्मी शिफ्ट बदलने पर तभी अपना स्थान छोड़े, जब उनके विकल्प मौजूद हो जाएं.
भीड़ नियंत्रण के लिए एआई आधारित सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन आदि के फुटेज की लगातार मॉनिटरिंग हो और लगे कि कहीं भीड़ ज्यादा हो रही है, तो बिना समय जाया करे तत्काल उसे नियंत्रित करें। इसके अलावा यह सुनिश्चित करें कि श्रद्धालुओं का मार्ग समतल हो, ताकि ठोकर लग कर गिरने की आशंका खत्म हो सके.
बिजली व्यवस्था मुकम्मल रखने को कहा गया है. इसके अलावा इंट्री प्वाइंट पर मेटल डिटेक्टर से लोगों को गुजारने के दौरान इसका विशेष ध्यान रखा जाए कि वहां अत्यधिक भीड़ की स्थिति नहीं बने.
डीसी और एसपी मौजूद रहें
समीक्षा के दौरान इस बात को रेखांकित की गई है कि पूर्व में मंदिर का कपाट खुलने के साथ भीड़ का दबाव बढ़ने का अनुभव रहा है. इसे देखते हुए जिले के उपायुक्त और एसपी उस समय अपनी मौजूदगी सुनिश्चित करते हुए व्यवस्था नियंत्रण की बागडोर संभाले. साथ ही रविवार और सोमवार को श्रद्धालुओं की तदाद काफी बढ़ती है, इसे भी संज्ञान में रखते हुए व्यवस्था बनायें.
उन्होंने निर्देश दिया कि आपात विभाग से जुड़े मुख्यालय के आला अधिकारी मौके पर जाकर तैयारियों का जायजा लें और कमियों को समय रहते दुरुस्त कराएं.
मुख्य सचिव का फोकस लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा पर थी. उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि वे भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था पुख्ता बनायें. आपात स्थिति से निपटने के लिए जो जहां तैनात हों, वे प्रशिक्षित, जवाबदेह और संवेदनशील हों. गौतरलब है कि 11 जुलाई से सावन महीना का प्रवेश है.