देश में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 से लेकर 2025-26 के बीच 33,081.82 करोड़ रुपए जारी किए हैं.
यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव की ओर से संसद को दी गई.
राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में, जाधव ने प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्तरों पर स्वास्थ्य प्रणालियों और संस्थानों की क्षमता विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) के तहत किए गए उपायों के बारे में बताते हुए कहा कि बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर हेल्थ सिस्टम को वर्तमान और भविष्य की महामारियों या आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए तैयार करने में मदद कर सकता है.
जाधव ने कहा कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए वित्त वर्ष 2021-22, वित्त वर्ष 2022-23, वित्त वर्ष 2023-24, वित्त वर्ष 2024-25 और वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 33,081.82 करोड़ रुपए दिए गए हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस राशि का उपयोग “10,609 बिना भवन के आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम), 5,456 शहरी एएएम, 2,151 ब्लॉक जन स्वास्थ्य इकाइयों (बीपीएचयू), जिला स्तर पर 744 एकीकृत जन स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं (आईपीएचएल) और 621 क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉकों (सीसीबी) के निर्माण और सुदृढ़ीकरण के लिए किया गया है.