गिरिडीहः गिरिडीह के पूर्व विधायक ज्योतिन्द्र प्रसाद का निधन हो गया है. पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. उनके आवास पर बड़ी संख्या में लोग शोक प्रकट करने पहुंचे हैं.
सादगी, संघर्ष और राजनीतिक शुचिता के लिए जाने जाते रहे ज्योतिंद्र प्रसाद पर कभी किसी ने उंगली नहीं उठायी. पूर्व विधायकों को मिलने वाली पेंशन ही उनका एकमात्र सहारा रहा.
को मजदूरों ने चंदा देकर चुनाव लड़ाया था. राजनीतिक जीवन में कभी किसी ने ज्योतिंद्र पर अंगुली नहीं उठाई. पूर्व विधायकों को मिलने वाली पेंशन ही उनका एकमात्र सहारा रहा.
गिरिडीह के गांधी कहे जाने वाले ज्योतिंद्र ने मजदूरों से चंदा लेकर पहली बार चुनाव लड़ा था. माइका मजदूरों के हित, अधिकार को लेकर भी उन्होंने लंबे समय तक संघर्ष किया. वे बेलाग बोलते थे.
माइका मजदूरों की लड़ाई से राजनीति में उभरे ज्योतिंद्र प्रसाद 1985 में गिरिडीह विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़े थे. तब माइका मजदूरों ने चंदा देकर उन्हें चुनाव लड़ाया, लेकिन वे हार गए.
1985 में मिली हार के बाद 90 में कांग्रेस ने उन्हें टिकट दिया और उन्होंने जीत दर्ज की. 2000 के चुनाव में जेएमएम से गठबंधन के कारण उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी. इसके बाद भी लोगों की समस्याओं के समाधान को लेकर हमेशा प्रयासरत रहे. चुनावों में धन-बल के हावी होने से वे कई मौके पर अफसोस भी जाहिर करते थे.