रांचीः कांग्रेस के विधायक प्रदीप यादव ने झारखंड विधानसभा में मंगलवार को गोड्डा में स्थापित अडाणी पावर प्लांट के लिए कथित तौर पर कानून का उल्लंघन कर जमीन अधिग्रहण का मामला उठया. इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कंपनी पूर्व की राज्य सरकार के साथ करार का भी उलंलघन कर रही है. सदन में राज्य के भूमि सुधार राजस्व मंत्री ने इस मामले में राज्य के मुख्य सचिव के नेतृत्व में कमेटी गठित कर जांच कराने का आश्वासन दिया है. यह कमेटी जमीन अधिग्रहण, प्रावधान का उल्लंघन और ऊर्जा नीति में संशोधन की समीक्षा करेगी.
मंत्री ने विधायक के ध्यानाकर्षण के जवाब में कहा कि अगर भूमि अधिग्रहण में कानूनों का उल्लंघन हुआ है और करार के मुताबिक उत्पादित बिजली की 25 प्रतिशत हिस्सा राज्य को नहीं मिल रहा है, तो यह गंभीर है.
विधायक ने ध्यानाकर्षण में यह मामला उठाया था. उन्होंने कहा कि पावर प्लांट के लिए संथाल परगना टेनेंसी (एसपीटी) एक्ट का उल्लंघन करते हुए जमीनों का हस्तांतरण किया गया और राज्य की ऊर्जा नीति में बदलाव कर अडानी को विशेष लाभ पहुंचाया गया. उन्होंने सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि वन भूमि, गोचर भूमि, नहर, बांध जैसी सार्वजनिक उपयोग की जमीनों को भी अधिग्रहण में शामिल किया गया, जो नियमों के खिलाफ था.
इसके अलावा कंपनी के द्वारा विस्थापितों के लिए एवं स्थानीय स्तर पर कई प्रकार के वायदे किये गए थे जो आज जमीन पर दिखाई नहीं देता और इसका घोर उल्लंघन हो रहा है. कांग्रेस विधायक ने यह भी कहा है कि एमओयू में इसका प्रावधान है कि ऑस्ट्रेलिया देश के कोयले से बिजली का उत्पादन होगा, लेकिन बंगाल एवं अन्य राज्यों के कोयले का यहां इस्तेमाल हो रहा है.
विधायक ने आरोप लगाया कि जमीन का मुआवजा दर 26 लाख रुपये प्रति एकड़ से घटाकर 3 लाख रुपये प्रति एकड़ कर दिया गया, जिसके आधार पर चार गुना मुआवजे के हिसाब से भी किसानों को केवल 12 लाख रुपये प्रति एकड़ ही मिलता. सदस्य का कहना था कि राज्य की ऊर्जा नीति में बदलाव कर अडानी को विशेष लाभ पहुंचाया गया.

सदस्य के सवाल के जवाब में सरकार ने लिखित उत्तर में बताया है कि पावर प्लांट को लेकर सरकार के साथ एमओयू में यह अंकित है कि भारत सरकार एवं बांग्लादेश सरकार के बीच हुए समझौता के आलोक में 800 मेगावाट की दो यूनिट प्लांट से उत्पादित पूरी बिजली बांग्लादेश को जाएगी. एवं प्रावधान के अनुसार 25 प्रतिशत यानी 400 मेगावाट बिजली अडाणी पावर लिमिटेड के द्वारा झारखंड सरकार को अन्य स्त्रोत से झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के द्वारा निर्धारित दर पर उपलब्ध कराई जाएगी, लेकिन यह नहीं दिया जा रहा है.
अडाणी समूह के पावर प्लांट के लिए गोड्डा प्रखंड के मोतिया, गंगटा गोविंदपुर, पटवा और पोड़ैयाहाट के माली, गायघाट और सोनडीहा गांवों की ज़मीनें अधिग्रहण की गई हैं.
आठ-आठ सौ मेगावाट के इन प्लांटों के निर्माण के लिए झारखंड सरकार और अडाणी पावर (झारखंड) लिमिटेड ने फरवरी 2016 में एक क़रार किया था. इसके तहत यहां उत्पादित 1600 मेगावाट बिजली विशेष ट्रांसमिशन लाइन से सीधे बांग्लादेश को भेजी जानी है.
पूर्व में भी अडाणी पावर प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहण के विरोध में पोड़ैयाहाट के विधायक प्रदीव यादव ने अनशन किया था. ततब वे जेवीएम में थे. इसके बाद उन्हें जेल जाना पड़ा. वे लंबे दिनों से कथित तौर पर आरोप लगाते रहे हैं कि अडाणी समूह को लाभ पहुंचाने के लिए तब की सरकार ने अपनी ऊर्जा नीति तक बदल दी थी.