बिहार में बक्सर से राष्ट्रीय जनता दल के सांसद सुधाकर सिंह ने कहा है कि चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी की बी टीम के रूप में काम कर रहा है.
चुनाव आयोग ने बिहार चुनाव के मद्देनज़र 24 जून को एक प्रेस रिलीज़ जारी की थी.
प्रेस रिलीज़ में कहा गया कि चुनाव आयोग ने बिहार में आयोग को स्पेशल इंटेंसिव रिवीज़न (एसआईआर) आयोजित करने के निर्देश जारी किए हैं.
इसी मामले में आरजेडी और विपक्ष के अन्य नेता हमलावर हैं.
सांसद सुधाकर सिंह ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “इलेक्शन कमीशन एक मॉडल डेवलप कर रहा है. इलेक्शन कमीशन बीजेपी की बी टीम के रूप में काम कर रहा है.”
“जब लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में एनडीए की हार हुई तो वहां पर इंडिया ब्लॉक को सत्ता में आने से रोकने के लिए 70 लाख नए मतदाता जोड़ दिए गए थे. वही काम दिल्ली में हुआ.”
सुधाकर सिंह ने कहा, “ठीक वही काम बिहार में चुनाव आयोग करना चाहता है. कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के समर्थकों का नाम वोटर लिस्ट से निकालकर फ़र्ज़ी वोटर लिस्ट तैयार कर रहा है.”
इससे पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी चुनाव आयोग पर टिप्पणी की थी. तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, “बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग द्वारा अचानक विशेष गहन पुनरीक्षण की घोषणा अत्यंत संदेहास्पद और चिंताजनक है.”
उधर तेजस्वी यादव की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के उप-मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि आरजेडी की मानसिकता संविधान और संवैधानिक संस्थाओं के ख़िलाफ़ है.
चुनाव आयोग के मुताबिक़, “स्पेशल इंटेंसिव रिवीज़न का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी वैध नागरिकों के नाम मतदाता सूची (ईआर) में शामिल किए जाएं ताकि वे अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें. कोई भी अयोग्य मतदाता… मतदाता सूची में शामिल न हो और मतदाता सूची में मतदाताओं के नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता लाई जा सके.”