भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला समेत चार अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में 18 दिन बिताने के बाद धरती पर वापस लौट आए हैं. शुभांशु आईएसएस पर जाने वाले पहले भारतीय भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं.
23 घंटे के सफर बाद ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ने कैलिफोर्निया के समुद्र पर लैंड किया. चारों एस्ट्रोनॉट एक दिन पहले शाम आईएसएस से पृथ्वी के लिए रवाना हुए थे.
भारत के शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री जून के आखिरी हफ्ते में इंटरेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) के लिए रवाना हुए थे.
शुभांशु शुक्ला के धरती पर लौटने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मैं पूरे देश के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूं, जो अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर लौट रहे हैं.”
“अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में उन्होंने अपने समर्पण और साहस से करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है. यह हमारे अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन की दिशा में एक और मील का पत्थर है.”
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से धरती पर लौटने पर उनकी बहन शुचि मिश्रा ने प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “वो वापस आ गए हैं. यह पूरे देश के लिए बहुत गौरव का क्षण है. हम बहुत उत्साहित हैं.”
“हमारे पास शब्द नहीं हैं. आज शब्द कम पड़ रहे हैं. अगर गर्व को नापने का कोई पैमाना होता तो आज वो कम पड़ जाता.”
इसी बीच, इसरो ने सोमवार को बताया कि शुभांशु शुक्ला ने अपने मिशन के दौरान सभी सात सूक्ष्म-गुरुत्व प्रयोग और अन्य नियोजित वैज्ञानिक गतिविधियाँ सफलतापूर्वक पूरी कर ली हैं। इसरो ने इसे “मिशन की एक बड़ी उपलब्धि” बताया है।
आईएसएस पर अपने दो सप्ताह से अधिक के प्रवास के दौरान, शुभांशु शुक्ला ने कुल 310 से ज़्यादा बार पृथ्वी की परिक्रमा की और लगभग 1.3 करोड़ किलोमीटर की दूरी तय की. यह दूरी पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी से 33 गुना अधिक है, जो अपने आप में एक शानदार उपलब्धि है. अंतरिक्ष मिशन के दौरान चालक दल ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से 300 से ज्यादा सूर्योदय और सूर्यास्त देखे — जो पृथ्वी की तेज परिक्रमा की वजह से संभव हुआ.