सिल्ली: रांची जिले के सिल्ली में बालू के अवैध खनन से लेकर ढुलाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. झारखंड लोकतांत्रिक क्रातिकारी मोर्चा के नेता देवेंद्र नाथ महतो ने कथित तौर पर अवैध खनन और बालू माफियाओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बालू के अवैध खनन पर रोक लगाने को लेकर मुखर देवेंद्रनाथ महतो के खिलाफ हाल ही में सिल्ली थाना में एक मामला दर्ज किया गया है. इससे भड़के झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा सिल्ली के द्वारा मंगलवार शाम को मशाल जुलूस निकाला गया और बालू माफियाओं का पुतला दहन किया गया
मशाल जुलूस टुटकी गांव के दुर्गा मंदिर के समीप से सिल्ली बजार बुंडू चौक, काली मंदिर चौक होते हुए थाना चौक से वापस बुंडू चौक पर पहुंचा. यहां बालू माफियाओं का पुतला दहन किया गया. इस जुलूस का नेतृत्व जेएलकेएम के वरीय उपाध्यक्ष देवेन्द्र नाथ महतो ने किया.
जुलूस में शामिल लोग सरकार और बालू चोरी के नेक्सस में शामिल नेता- दलाल- अफसर गठजोड़ के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. इसके अलावा पार्टी के कार्यकर्ताओं ने देवेंद्रनाथ और अन्य पर दर्ज मुकदमा वापस लेने की आवाज उठाई.
मौके पर देवेन्द्र नाथ महतो ने आरोप लगाया कि क्षेत्र की नदियों से लगातार अवैध बालू का खनन और ढुलाई होने से नदियों का अस्तित्व खतरे में है. नदियों पर ही इस क्षेत्र की बड़ी आबादी सिंचाई पर निर्भर है. लगातार नियम कायदे की धज्जियां उड़ाते हुए जेसीबी और पोकलेन मशीन से बालू माफियाओं के द्वारा बालू उत्खनन किया जा रहा है. और फर्जी चालान के जरिए शहरों में भेजा जाता है.
देवेंद्रनाथ महतो ने कहा है कि अवैध तरीके से बालू खनन पर रोक के लिए उन्होंने आला अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन इसके बावजूद भी लगातार क्षेत्र से बालू उठाव हो रहा है. बालू के इस खेल में राजनीति से जुड़े कई चेहरों का भी संरक्षण है. उन्होंने अवैध बालु ढुलाई बंद न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है. इस मौके पर कृष्णा महतो, मोहम्मद जाकिर खां, खुदीराम महतो, गुहीराम स्वांसी समेत सैकड़ों महिला- पुरुष शामिल थे.
गौरलतब है कि हाल के दिनों में देवेंद्रनाथ महतो का कई वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें वे बालू के कारोबारियों से अवैध खनन और ढुलाई को रोकने के लिए बहस करते दिख रहे हैं. विधानसभा के बजट सत्र में भी राज्य में बालू चोरी और इसे संरक्षण देने वाले सफेदपोशों को लेकर सवाल लगातार गूंज रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक रांची जिले के सिल्ली, सोनाहतू, तमाड़, राहे के कई घाटों से बड़े पैमाने पर बालू का उत्खनन होता रहा है. कथित तौर पर फर्जी चालान और कमीशन बांटने का रिवाज इस धंधे में बहुत पुराना रहा है. हालांकि बालू चोरी रोकने के लिए सरकार ने ससख्त निर्देश भी दिए हैं.