राष्ट्रीय जनता दल नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विशेष मतदाता गहन पुनरीक्षण को लेकर चुनाव आयोग से मुलाक़ात की है.
मुलाक़ात के बाद पत्रकारों से उन्होंने कहा, “हम लोगों की चिंता है कि मतदाताओं के नाम पहले वोटर लिस्ट से, फिर राशन लिस्ट से और फिर पेंशन लिस्ट से हटाए जाएंगे.”
उन्होंने बताया कि हमने चुनाव आयोग के सामने कई सवाल रखे हैं.
आरजेडी नेता ने तंज कसते हुए कहा, “बिहार के चुनाव आयोग को कोई भी निर्णय लेने का अधिकार नहीं है. निर्णय लेने का अधिकार दिल्ली वालों को है और हम सब जानते हैं कि उनके निर्णय कौन ले रहे हैं.”
तेजस्वी यादव ने कहा, “अभी भी बारिश हो रही है, कई जगहों पर नदी का जलस्तर बढ़ रहा है, मानसून है, हमने टाइमिंग को लेकर सवाल उठाए हैं कि 25 दिनों में ये संभव नहीं है.”
उन्होंने कहा, “बाहर रहने वाले 4-5 करोड़ बिहारियों के लिए आप क्या करेंगे? हमने चुनाव आयोग से मांग की है कि दस्तावेजों को और सरल बनाया जाए, जैसे आधार कार्ड, जॉब कार्ड, मनरेगा कार्ड शामिल करें, जो दस्तावेज मांगे गए हैं वो बिहारियों के पास नहीं हैं.”
तेजस्वी ने कहा कि हमें संदेह है कि वोटरों के नाम पहले वोटर लिस्ट से, फिर राशन लिस्ट और फिर पेंशन लिस्ट हटाए जाएंगे. हमने चुनाव आयोग के सामने कई सवाल उठाए हैं. अभी बारिश हो रही है, कई जगहों पर जलभराव है, मानसून है. हमने टाइमिंग को लेकर भी सवाल उठाए हैं कि आखिर 25 दिनों में ये संभव नहीं है. बाहर रहने वाले 4-5 करोड़ बिहारियों के लिए आप क्या करेंगे?
बिहार में इस साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव संभावित है.
इससे पहले पिछले महीने 24 जून को निर्वाचन आयोग ने बिहार में विशेष मतदाता गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का निर्देश दिया था.
इसके तहत बिहार में वोटर लिस्ट में संशोधन किया जाएगा. इसके लिए घर-घर जाकर नागरिकों की जांच की जाएगी और वैध दस्तावेज़ों के आधार पर उनका रजिस्ट्रेशन किया जाएगा.