खूंटीः खूंटी-तोरपा-कोलेबिरा मुख्य पथ के आठवें किलोमीटर पर स्थित पेलोल गांव के पास बनई नदी पर बनाया गया अस्थायी डायवर्जन शुक्रवार की रात हुई बारिश में बह गया. स्थानीय लोग सरकारी पैसे की लूट का इसे नायब उदाहरण बता रहे हैं.
यह डाइवर्जन उस पुल के ध्वस्त होने के बाद तैयार किया गया था, जो 19 जून को भारी बारिश के चलते ढह गया था.
जानकारी के मुताबिक पुल टूटने के बाद, स्थानीय नेताओं और अधिकारियों के निर्देश पर एसकेएस नामक निर्माण कंपनी ने स्कूली बच्चों, आम्रेश्वर धाम जाने वाले श्रद्धालुओं, किसानों और स्थानीय लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक कच्चा डाइवर्जन बनाया था. लेकिन बारिश में यह अस्थायी डाइवर्जन भी ध्वस्त हो गया.
जानकारी के अनुसार, इस नदी पर लगभग 1 करोड़ 80 लाख रुपये की लागत से स्थायी डाइवर्जन निर्माण की योजना है, जिसकी निविदा (टेंडर) प्रक्रियाधीन है. जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक आम लोगों को आवागमन में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.
स्थानीय लोगों के बीच इस बात की भी चर्चा जोरों पर है कि पुल और डाइवर्जन के निर्माण कार्यों में काम से ज्यादा राजनीति हो रही है. साथ ही इस मामले ने शासन- प्रशासन को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है.
इधर स्थानीय लोग, स्कूली बच्चे रोजाना जोखिम उठाकर वैकल्पिक मार्गों का सहारा लेने को मजबूर हैं. लगातार बारिश से यातायात बुरी तरह प्रभावित है. लोगों की मांग है कि पुल निर्माण की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए, ताकि लोगों को राहत मिल सके.