रांचीः झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार के स्कूली शिक्षा और निबंधन मंत्री रामदास सोरेन का निधन हो गया है. दो अगस्त को गंभीर हालत में उन्हें दिल्ली के इंद्रपस्थ अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तमाम कोशिशों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका.
बहरागोड़ा के पूर्व विधायक और जेएमएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने सोशल मीडिया के अपने अकाउंट एक्स पर यह जानकारी दी है. इसके अलावा रामदास सोरेन के पुत्र ने भी सोशल मीडिया में दुख के साथ यह जानकारी साझा की है. कुणाल षाड़ंगी और सोरेन के परिवार के लोग दिल्ली में शिक्षा मंत्री की देखरेख में लगातार जुटे थे.
झारखंड आंदोलनकारी, 62 वर्षीय रामदास सोरेन कोल्हान में अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व घाटशिला से जेएमएम के विधायक थे.
चंपाई सोरेन के जेएमएम छोड़ने और बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्हें मंत्री बनाया गया था.
2024 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम के फिर से सत्तारूढ़ होने पर भी उन्हें मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई थी. आदिवासियों के बीच वे एक जुझारू और संघर्षशील नेता की पहचान रखते थे.
गौरतलब है कि रामदास सोरेन को पिछले दो अगस्त को एयरलिफ्ट कर दिल्ली ले जाया गया था. दो अगस्त की सुबह जमशेदपुर स्थित घोड़ाबांधा आवास में सुबह करीब साढ़े चार बजे बाथरूम में वे लड़खड़ाते हुए गिर पड़े. इससे उनके सिर में चोट लगी थी.
पहले उन्हें जमशेदपुर के टीएमएच में भर्ती कराया गया. इसके बाद उन्हें सोनारी हवाई अड्डा से एयरलिफ्ट कर दिल्ली ले जाया गया. अपोलो के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम इलाज में जुटी थी. लेकिन ब्रेन हेमरेज के कारण उनकी हालत लगातार गंभीर बनी रही. उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था.
रामदास सोरेन के निधन की खबर से झारखंड में शोक है. सत्तारूढ़ दलों और विपक्ष के कई प्रमुख नेताओं ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए भी यह बेहद दुखी करने वाली है. दरअसल, पिछले चार अगस्त को झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक संरक्षक, पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु, शिबू सोरेन का निधन हुआ है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनके श्राद्ध कार्यक्रम को लेकर अपने पैतृक गांव नेमरा में हैं.