रांचीः झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने सभी उपायुक्तों को राज्य के तमाम व्यावसायिक बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया सितंबर के पहले पखवाड़े तक पूर्ण कर लेने का निर्देश दिया है.
उन्होंने कहा कि उपायुक्त बालू घाटों की नीलामी के पहले नई पॉलिसी को पूरी तरह समझ लें, ताकि नीलामी प्रक्रिया पारदर्शी हो और उस दौरान कोई तकनीकी समस्या नहीं आए.
बालू घाटों की नीलामी को लेकर मुख्य सचिव ने बुधवार को तमाम उपायुक्तों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए.
नई बालू नीति से सरकार की मंशा लोगों को उचित कीमत पर बालू उपलब्ध कराना है, वहीं बालू के अवैध कारोबार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने और दूसरे राज्यों से आने वाले बालू को कम करना है.
इसके लिए उन्होंने खनन पदाधिकारी सहित उपायुक्तों को भी बेसिक जानकारी के लिए सभी जानकारी पुख्ता करने पर जोर दिया.
उन्होंने कहा कि इसका मकसद सिर्फ यह है कि उपायुक्त पूरी स्पष्टता और तैयारी के साथ नीलामी को संपन्न करा सकें. यह राज्य के लिए काफी महत्वपूर्ण है.
दो कैटेगरी में बालू घाट
बालू घाटों को दो कैटेगरी में वर्गीकृत किया गया है. पहली कैटेगरी में पांच हेक्टेयर से कम रकबा वाले बालू घाट होंगे. इनका संचालन ग्राम सभा के माध्यम से होगा. ऐसे 374 बालू घाट हैं.
दूसरी कैटेगरी में 5 हेक्टेयर से अधिक रकबा वाले बालू घाटों की नीलामी होगी. इसके लिए छोटे-बड़े बालू घाटों को मिलाकर कुल 60 समूह बनाए गये हैं. किसी भी एक व्यक्ति को एक हजार हेक्टेयर से अधिक रकबा का बालू घाट नहीं दिया जाएगा और दो से अधिक समूह का ठेका भी नहीं दिया जाएगा.