रांचीः झारखंड के गोड्डा में 10-11 अगस्त की दरमियानी रात पुलिस एनकाउंटर में मारे गए आदिवासी नेता सूर्या हांसदा के मामले में आदिवासी संगठनों ने शनिवार को रांची में आक्रोशपूर्ण राजभवन मार्च किया.
प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के अलावा झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा ने पहले ही इसे फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगाया है.
राजनीतिक दलों के अलावा अलग- अलग आदिवासी संगठन भी एन एनकाउंटर को लेकर लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं. भारी बारिश के बीच रांची के जिला स्कूल परिसर से राजभवन तक निकाले आक्रोश मार्च में बड़ी तादाद में आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधियों के अलावा राजनीतिक कार्यकर्ता शामिल हुए.
राजभवन के सामने सभा को संबोधित करते हुए इस विरोध मार्च कार्यक्रम के मुख्य संयोजक मुख्य पहान जगलाल पहान ने कहा कि सूर्य नारायण हांसदा सदैव आदिवासी समाज की आवाज उठाते थे तथा सरकारी मशनरी एवं माफियाओं द्वारा किए जा रहे गैर कानूनी कार्यों, अन्याय,शोषण, जुल्म का हमेशा विरोध करते थे. आदिवासी हक, अधिकार, शिक्षा, भूमि सुरक्षा,युवाओं के भविष्य, के लिए लड़ने वाले एक युवा नेता को पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में साजिश के तहत मारा है.
ट्राई फर्स्ट की संयोजक आरती कूजूर ने कहा कि यह घटना न केवल मानवाधिकार का उल्लंघन है बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी गहरा आघात है. आदिवासी मूलवासी, झारखंड समाज इस फर्जी एनकाउंटर का विरोध करता है.
केन्द्रीय सरना समिति के अध्यक्ष श्री बबलू मुंडा ने कहा कि सूर्या नारायण हांसदा का एनकाउंटर पूरी तरह से फर्जी है. माफिया एवं पुलिस प्रशासन की मिली भगत के द्वारा षड्यंत्र के तहत उसकी हत्या की गई है. सूर्या हांसदा के परिवार को न्याय दिलाने के लिए आदिवासियों की यह लड़ाई आगे जोर पकड़ेगी.
मार्च में मुख्य रूप से पूर्व विधायक रामकुमार पहान महादेव टोप्पो, सुरेन्द्र लिंडा, आरती कूजूर, रितेश उरांव,संदीप उरांव,सोमा उरांव,रवि मुंडा, रितेश रंजीत उरांव,उरांव, बिरसा पहान, अरूण पहान,उदय मुंडा, प्रेम लिंडा,चिकू लिंडा, आशीष मुंडा, मुकेश मुंडा, विशाल मुंडा, संतोष मुंडा, अनीता गाड़ी, आदि सैकड़ो की संख्या में आदिवासी समाज के कार्यकर्ता उपस्थित थे.