धनबादः धनबाद के डिप्टी मेयर रहे नीरज सिंह हत्याकांड के आरोपी संजीव सिंह को बरी कर दिया है. धनबाद की एक अदालत ने अपना फैसला सुनाया है.
एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी के न्यायालय ने बुधवार को धनबाद के बहुचर्चित हत्याकांड में फैसला सुनाये जाने के बाद संजीव सिंह के समर्थक धनबाद से झरिया तक खुशियां मना रहे हैं.
बुधवार को संजीव सिंह एक एंबुलेंस से कोर्ट की कार्यवाही में शामिल होने पहुंचे थे.
कोर्ट ने सबूत के अभाव में संजीव सिंह सहित इस केस के अन्य 10 आरोपियों को भी बरी कर दिया है.
पुलिस ने नीरज सिंह हत्याकांड की जांच के बाद कुल 11 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.
जबकि इस हत्याकांड में शामिल छह अभियुक्तों के खिलाफ जांच जारी रखा है. इन अभियुक्तों के खिलाफ अनुसंधान जारी है.
22 मार्च 2017 को धनबाद के तत्कालीन डिप्टी मेयर नीरज सिंह सहित तीन की हत्या कर दी गयी थी.
नीरज सिंह के साथ जिन लोगों की हत्या की गयी थी उसमें अशोक यादव, चंद्र प्रकाश महतो उर्फ घोल्टू और मुन्ना तिवारी का नाम शामिल था. अशोक यादव नीरज सिंह के आप्त सचिव थे. जबकि घोल्टू उनका ड्राइवर और मुन्ना तिवारी निजी बॉडी गार्ड था.
नीरज सिंह के चचेरे भाई हैं
हाल ही में संजीव सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने शर्त के साथ जमानत की सुविधा प्रदान की है.
निचली अदालत और हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जमानत की गुहार लगाई थी.
कांग्रेस नेता एवं धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड में आरोपित संजीव सिंह करीब आठ साल बाद अब जेल से बाहर आए थे.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने शर्त लगायी है कि जमानत के बाद संजीव सिंह धनबाद में प्रवेश नहीं करेंगे. वे सिर्फ ट्रायल के दौरान अदालती कार्यवाही में भाग लेने धनबाद जा सकते हैं.
22 मार्च 2017 की रात करीब आठ बजे स्टील गेट इलाके में नीरज सिंह और उनके तीन साथियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. नीरज सिंह कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर अपने आवास रघुकुल लौट रहे थे, तभी घात लगाकर हमला किया गया. नीरज सिंह, आरोपी संजीव सिंह के चचेरे भाई थे.
नीरज सिंह की हत्या के बाद 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में उनकी पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह कांग्रेस के टिकट से झरिया से विधायक चुनी गईं.
इसके बाद 2024 के चुनाव में पूर्णिमा को हराकर संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह ने जीत हासिल की. वह वर्तमान में झरिया से भाजपा की विधायक हैं.
संजीव सिंह भी बीजेपी के टिकट से ही 2014 में चुनाव जीते थे. इससे पहले उनकी मां कुंती सिंह बीजेपी से चुनाव जीती थीं.
संजीव सिंह के पिता सूर्य देव सिंह धनबाद में कोल किंग के नाम से मशहूर थे. धनबाद में उनका बंगला काफी चर्चित है जिसे ‘सिंह मेंशन’ नाम से जाना जाता है. जबकि नीरज सिंह के बंगले को रघुकुल के नाम से जाना जाता है.
निचली अदालत के फैसले से अब संजीव सिंह को बड़ी राहत मिली है.