रांचीः झारखंड के भूमि सुधार राजस्व मंत्री दीपक बिरूआ ने विधानसभा में कहा है कि सरकार अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 में जातीय जनगणना करायेगी.
कांग्रेस के विधायक प्रदीप यादव ने इससे जुड़ा एक सवाल पूछा था कि पिछले साल ही इस मामले में सैद्धांतिक निर्णय लेने फिर कैबिनेट में इस बाबत प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद कार्मिक प्रशासनिक विभाग ने इस मामले में अब तक क्या किया है.
इसके जवाब में प्रभारी मंत्री दीपक बिरूआ ने सदन में बताया कि यह महत्वपूर्ण विषय है. झारखंड कार्यपालिका नियमावली में संशोधन करते हुए कार्मिक प्रशासिक विभाग को इस काम का जिम्मा सौंपा गया है. कार्मिक विभाग ने इस मामले में पहल करते हुए एजेंसी के चयन, वित्तीय प्रबंधन समेत अन्य विषयों पर रूपरेखा तय करने में जुटा है. मंत्री ने यह भी कहा कि दूसरे राज्यों में हुए जातीय सर्वेक्षण की भी जानकारी जुटायी जाएगी कि वहां कैसे ये काम कराए गए हैं.
गौरतलब है कि झारखंड में जातीय जनगणना कराने को लेकर सैद्धांतिक निर्णय बहुत पहले ही हो चुका था, लेकिन इसके लिए एजेंसी का निर्धारण नहीं किया जा सका है. पिछले साल जून महीने में चंपाई सोरेन कैबिनेट में इस मामले में प्रस्ताव पारित किया गया था. चंपाई सोरेन तब राज्य के मुख्यमंत्री थे. कैबिनेट के निर्णय के आलोक में राज्य सरकार का कार्मिक विभाग इस काम को देखेगा. जातीय जनगणना इंडिया ब्लॉक का का चुनावी वादा भी था.
इधर शुक्रवार को इसी मुद्दे पर कृषि मंत्री और कांग्रेस नेता शिल्पी नेहा तिर्की ने विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत में राज्य में जातीय जनगणना की जरूरत पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि पार्टी के नेता राहुल गांधी का इस मुद्दे पर स्पष्ट स्टैंड है. ‘जिसकी जितनी आबादी, उसकी उतनी हिस्सेदारी’, का फॉर्मूला पूरे देश में लागू होना चाहिए.