मुंबई हमलों 26/11, के अभियुक्त तहव्वुर राना को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किए जाने के बाद अमेरिकी न्याय विभाग ने एक बयान जारी किया है.
अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका ने बुधवार को दोषी ठहराए गए आतंकवादी तहव्वुर हुसैन राना को भारत में 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में उसकी कथित भूमिका से जुड़े 10 आपराधिक आरोपों पर मुकदमा चलाने के लिए प्रत्यर्पित किया है.”
न्याय विभाग ने आगे कहा, “राना का प्रत्यर्पण उन छह अमेरिकियों और अन्य पीड़ितों के लिए इंसाफ की मांग की दिशा में एक अहम कदम है, जो उन जघन्य हमलों में मारे गए थे.”
अमेरिका में तहव्वुर राना को साल 2013 में 26/11 मुंबई हमलों को अंजाम देने और डेनमार्क में हमले की योजना बनाने के आरोप में दोषी पाया गया था.
इन मामलों में तहव्वुर हुसैन राना को अमेरिकी अदालत ने 14 साल जेल की सज़ा सुनाई थी, जिसके बाद राना अमेरिका की जेल में थे.
भारत अरसे से राना के प्रत्यर्पण की मांग करता रहा है.
गौरतलब है कि राना कई वर्षों से अमेरिकी अदालतों में भारत प्रत्यार्पित किए जाने का विरोध करते रहे हैं, लेकिन वहां की अदालतों ने अब उन्हें भारत भेजे जाने को हरी झंडी दे दी है.
केंद्र सरकार ने उनके ख़िलाफ़ केस चलाने के लिए नरेंद्र मान को स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त किया है.
एनआईए ने प्रत्यर्पण पर क्या कहा
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने कहा है कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए हमलों के ज़िम्मेदार तहव्वुर राना का गुरुवार को अमेरिका से सफल प्रत्यर्पण कर लिया गया है.
एनआईए ने एक प्रेस रिलीज़ जारी कर कहा है कि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू होने से पहले राना अमेरिका में न्यायिक हिरासत में थे. राना के पास सारे क़ानूनी विकल्प ख़त्म हो गए थे. इस वजह से उनका प्रत्यर्पण हो सका है.
अमेरिका में तहव्वुर राना को वर्ष 2013 में अपने दोस्त डेविड कोलमैन हेडली के साथ मुंबई के हमले को अंजाम देने और डेनमार्क में हमले की योजना बनाने के आरोप में दोषी पाया गया था. इन मामलों में तहव्वुर हुसैन राना को अमेरिकी अदालत ने 14 साल जेल की सज़ा सुनाई थी.
26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षित और भारी हथियारों से लैस दस चरमपंथियों ने मुंबई की कई जगहों और प्रतिष्ठित इमारतों पर हमला कर दिया था, जो चार दिन तक चला. मुंबई हमलों में 160 से अधिक लोग मारे गए थे.
गौरतलब है कि अमेरिका से प्रत्यर्पित तहव्वुर राना को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को नई दिल्ली पहुंचने पर औपचारिक रूप से ग़िरफ़्तार किया.
इसके बाद राना को एनआईए की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने तहव्वुर हुसैन राना को एनआईए की 18 दिनों की कस्टडी में भेजा है.
कौन है तहव्वुर राना
तहव्वुर हुसैन राना का जन्म पाकिस्तान में हुआ और वहीं परवरिश हुई. मेडिकल डिग्री हासिल करने के बाद वो पाकिस्तानी सेना के मेडिकल कोर में शामिल हो गए थे.
पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राना फ़िलहाल अमेरिका की जेल में थे.
अमेरिका में तहव्वुर राना को वर्ष 2013 में अपने दोस्त डेविड कोलमैन हेडली के साथ मुंबई के हमले को अंजाम देने और डेनमार्क में हमले की योजना बनाने के आरोप में दोषी पाया गया था.
इन मामलों में तहव्वुर हुसैन राना को अमेरिकी अदालत ने 14 साल जेल की सज़ा सुनाई थी.