रांचीः पश्चिम अफ्रीकी देश नाइजर से अगवा किए गए झारखंड के पांच प्रवासी मजदूरों का अब तक पता नहीं चला है. सभी प्रवासी मजदूर गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड के रहने वाले हैं. इधर प्रवासी मजदूरों के परिजन बेहाल हैं और मजदूरों की सुरक्षित वापसी को लेकर उनकी निगाहें सरकार पर टिकी है. इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भारत के विदेश मंत्री से मदद मांगी है.
जिन मजदूरों का हथियारबंद हमलावरों ने अपहरण किया गया है, उनमें बगोदर प्रखंड के दोंदलो पंचायत के संजय महतो, चंद्रिका महतो, राजू महतो, फलजीत महतो एवं मुंडरो के उतम महतो शामिल है. सभी मजदूर नाइजर में केपीटीएल नामक ट्रांसमिशन कंपनी में काम करते थे.
इन मजदूरों के साथ काम करने गए अन्य मजदूरों ने परिजनों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को जानकारी दी है कि कार्य़स्थल के पास अचानक विद्रोहियों ने नाइजर सेना पर हमला कर दिया. इस हमले के बीच बाकी मजदूर भागने में सफल रहे, जबकि पांच मजदूरों को हथियाबंद हमलावरों ने अपने कब्जे में ले लिया. इसके बाद से उनका कोई अता-पता नहीं है.
रविवार को बगोदर के पूर्व विधायक और माले न ता विनोद सिंह मजदूरों के पीड़ित परिजनों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि हिम्मत बंधाते हुए कहा कि मजदूरों की सकुशल वापसी के लिए उनके द्वारा प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने इस मामले में झारखंड सरकार के श्रम विभाग सहित वरीय अधिकारियों को अवगत कराते हुए मजदूरों की सकुशल वापसी की दिशा में पहल किए जाने की मांग की है.
रविवार को ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक्स पर एक पोस्ट किया. विदेश मंत्री के टैग करते हुए उन्होंने मदद मांगी. हालांकि अब तक अगवा किए गए मजदूरों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है.