झारखंड के प्रसिद्ध ठेठ नागपुरी गायक और ‘भिनसरिया कर राजा’ के नाम से मशहूर महावीर नायक को मंगलवार को दिल्ली में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्मश्री से सम्मानित किया.
1962 से ठेठ नागपुरी गीतों को अपनी आवाज देने वाले महावीर नायक ने 50 वर्षों से अधिक समय तक नागपुरी गीत-संगीत को समृद्ध किया है.
सम्मान से खुश महावीर नायक ने कहा, “जिम्मेदारी अब बढ़ गई है. झारखंड की भाषा-संस्कृति और गीत-संगीत को लेकर बहुत काम करना है. पुरस्कार से कलाकारों का मनोबल बढ़ता है और यह होना चाहिए. झारखंड में अभी कई और प्रतिभाशाली कलाकार हैं, लेकिन उन सबको और जानकारी प्राप्त करने की जरूरत है.”
उन्होंने कहा, “देश भर के 62 लोगों को यह सम्मान मिला है, जिनमें कवि, साहित्यकार, गायक व अन्य विधा के लोग शामिल हैं. हमने कभी नहीं सोचा था कि हमें भी पद्मश्री मिलेगा, लेकिन जब घोषणा हुई और यह सम्मान मिला, तो यह हमारे लिये भी गौरव की बात है. हम कलाकार हैं और यही काम करते हुए इतनी दूर तक पहुंचे हैं.”
महावीर नायक से पहले झारखंड के मुकुंद नायक और मधु मंसूरी हंसमुख को भी पद्मश्री से नवाजा जा चुका है.
महावीर नायक ने देश-विदेश में नागपुरी गायकी का जलवा बिखेरा है. उन्होंने पद्मश्री मुकुंद नायक और डॉ. रामदयाल मुंडा के साथ ताइवान में प्रदर्शन किया था. विभिन्न राज्यों और विदेशों में उन्हें कई सम्मान प्राप्त हुए हैं।
2014 में भारत लोकरंग महोत्सव में उन्हें लोककला रत्न अवॉर्ड और 2019 में स्वर्ण जयंती समारोह में सम्मानित किया गया।
‘भिनसरिया कर राजा’ की यात्रा
महावीर नायक को सिमडेगा में आयोजित एक कार्यक्रम में स्थानीय लोगों ने ‘भिनसरिया कर राजा’ की उपाधि दी थी.
यहीं से उन्होंने नागपुरी गीतों की रचना शुरू की और गायकी को नई दिशा दी. 50 वर्षों तक उन्होंने नागपुरी संगीत को समर्पित रहकर झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर को संजोया.
महावीर नायक को यह सम्मान मिलने पर मुकुंद नायक, मधु मंसूरी नंदलाल नायक समेत कई कलाकारों ने बधाई दी है.