रांचीः झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को राजभवन के सामने धरना दिया. सभा की. और 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू करने की आवाज मुखर की.
यह पदयात्रा 15 मई को दुमका के फूलों-झानो चौक से शुरू की गई थी. 570 किमी पैदल चलते हुए और 21 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरते कार्यकर्ता गुरुवार को रांची पहुंचे. यहां महाधरना का आयोजन किया गया. इसमें कोल्हान, संथाल परगना, छोटानागपुर और कोयलाचंल के कार्यकर्ता शामिल हुए.
पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्र नाथ महतो ने बताया है कि नौ जून को इसी मुद्दे पर राज्यपाल ने मुलाकात का समय दिया है. देवेंद्रनाथ महतो ने कहा है कि खतियान आधारित स्थानीय नीति नहीं होने का खामियाजा राज्य के युवाओं को सालों से भुगतना पड़ रहा है. झारखंड में चाहे किसी की सरकार रही हो, स्थानीय नीति को लटकाती रही है. सरकार का रवैया झारखंडी युवाओं की भावना के खिलाफ है.
सभा को संबोधित करते हुए जेएलकेएम के अन्य नेताओं ने कहा कि खतियान 1932 को केंद्र बिंदु मानते हुए अंतिम सर्वे सेटलमेंट के आधार पर राज्य में स्थानीय नीति,नियोजन नीति,विस्थापन नीति, उद्योग नीति व सभी निकायों में क्षेत्रीय प्राथमिकता की इस मांग की सरकार और अनदेखी नहीं करे. जेएलकेएम ने दोलन का बिगुल फूंक दिया है.
धरना को देवेंद्रनाथ महतो, अमित मंडल, विजय सिंह, पूजा महतो, अयूब अली, दमयंती मुंडा, फुलेश्वर बैठा, निशा भगत, समुद्र पाहन, महेंद्र कुमार मंडल, रुपैश विराठ, संतोष महतो, प्रेम नायक, गुणा भगत, प्रेम मार्डी आदि ने भी संबोधित किया.