रांचीः मरांङ बुरू बचाओ संघर्ष समिति (संथाल समाज) के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर झारखंड के गिरिडीह में स्थित पारसनाथ पर्वत को संथालों का धार्मिक तीर्थ स्थल घोषित किया जाए.
प्रतिनिधिमंडल में झारखंड, उड़ीसा, बंगाल एवं छत्तीसगढ़ के 51 सदस्य शामिल थे. सदस्यों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि मरांङ बुरू (पारसनाथ पर्वत) पीरटांड, गिरिडीह (झारखण्ड) युगों-युगों से प्राचीन काल से हम संथाल समुदाय “मरांङ बुरू” को ईश्वर के रूप में पूजा करते आ रहें हैं.
छोटानगपुर काश्तकारी अधिनियम 1908, सर्वे भूमि अधिकार अभिलेख, कमीश्नरी कोर्ट, पटना हाई कोर्ट एवं प्रीवी कांसिल कोर्ट से संथाल आदिवासियों को प्रथागत अधिकार (Customary right) प्राप्त है ,अत: झारखण्ड़ सरकार से माँग है कि मरांङ बुरू (पारसनाथ पर्वत) को संथालों का धार्मिक तीर्थ स्थल घोषित किया जाए.
इसके अलावा मरांङ बुरू बचाओ संघर्ष समिति (संथाल समाज) ने सीएम के सामने अन्य मांगें रखी. सीएम से इस मुलाकात में विशेष रूप से दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री श्री फागू बेसरा, मरांङ बुरू बचाओ संघर्ष समिति (संथाल समाज) के अध्यक्ष श्री रामलाल मुर्मू एवं साहित्यकार श्री भोगला सोरेन उपस्थित रहे.