राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों पर दिए गए बयान को लेकर फिर बहस छिड़ी है.
कांग्रेस ने आरएसएस पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी की सोच ही संविधान विरोधी है.
कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “ये बाबा साहेब के संविधान को ख़त्म करने की वो साज़िश है, जो आरएसएस- बीजेपी हमेशा से रचती आई है.”
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “आरएसएस ने कभी भी भारत के संविधान को स्वीकार नहीं किया. उसने आंबेडकर, नेहरू और संविधान को तैयार करने में शामिल हर किसी पर 30 नवंबर 1949 के बाद से हमला किया है.”
गौरतलब है कि होसबाले ने गुरुवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि इमरजेंसी के दौरान कांग्रेस सरकार ने प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द जोड़े थे. इन्हें प्रस्तावना में रहना चाहिए या नहीं, इस पर विचार किया जाना चाहिए.”
होसबाले का कहना है, “आपातकाल के दौरान संविधान की प्रस्तावना में दो शब्द जोड़े गए. ये दो शब्द ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ हैं. ये प्रस्तावना में पहले नहीं थे.”
उन्होंने कहा, “बाबा साहेब ने जो संविधान बनाया, उसकी प्रस्तावना में ये शब्द कभी नहीं थे. आपातकाल के दौरान जब मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए गए, संसद काम नहीं कर रही थी, न्यायपालिका पंगु हो गई थी, तब ये शब्द जोड़े गए.”
उन्होंने कांग्रेस पर 50 साल पहले इमरजेंसी लगाने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कांग्रेस से इमरजेंसी के लिए माफी मांगने की मांग की.
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन्होंने इमरजेंसी किया, वे आज संविधान की प्रति लेकर घूम रहे हैं। उन्हें इसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए.