देवघरः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एम्स, देवघर के पहले दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए डिग्री हासिल करने वाले डॉक्टर्स को समाज और देश के प्रति उनके कर्तव्य का बोध कराते हुए कहा कि एक अच्छा डॉक्टर होना बहुत बड़ी बात है. एक अच्छा इंसान होना उससे भी बड़ी बात. नैतिकता, करुणा और परोपकार की भावना के साथ आप सभी प्रतिभाशाली युवा डॉक्टर अनगिनत लोगों के जीवन में उजाला कर सकते हैं.
उन्होंने कहा, “बहुत से मरीज और उनके शुभचिंतक डॉक्टरों को देवदूत ही नहीं, साक्षात भगवान ही समझते हैं. प्रकृति और परिस्थितियों ने, तथा आपकी कुशलता और परिश्रम ने आपको समाज में जो स्थान दिया है उसका सदुपयोग करके आप समाज निर्माण में भी अपनी भूमिका निभा सकते हैं. AIIMS में प्रवेश पाना और यहां शिक्षा प्राप्त करना इस बात की गारंटी माना जाता है कि आप एक कुशल डॉक्टर बन गए हैं. आपको एक सक्षम तथा कुशल डॉक्टर के साथ-साथ एक अच्छा डॉक्टर भी बनना है.”
राष्ट्रपति ने कहा, “एक अच्छे डॉक्टर को शार्प क्लिनकिल समझदारी के साथ संवेदनशालता की क्षमता भी विकसित करनी चाहिए. हम सबने देखा है कि कुछ ऐसे डॉक्टर होते हैं जिनसे परामर्श करने के बाद मरीज और उनके परिवारजन बेहतर महसूस करते हैं. आप अपनी डायगनोसिस और सर्जरी में में पूरी तरह क्लिनिकल रहिए, लेकिन अपने व्यवहार में सहानुभूति के साथ अपनी सलाह दीजिए.”
स्मृतियां साझा कीं
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने समारोह को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि यह मेरा परम सौभाग्य है कि भगवान शंकर की असीम अनुकंपा से, श्रावण- मास में, बाबा नगरी-बैद्यनाथ धाम, देवघर में आने का अवसर मुझे प्राप्त हुआ है. इस परम-पावन धरती पर ज्योतिर्लिंग भी है और शक्तिपीठ भी है. शिव और शक्ति दोनों के आशीर्वाद से सिंचित इस पवित्र धरती को मैं सादर नमन करती हूं.
यह दीक्षांत समारोह परंपरागत श्रावणी मेला के दौरान आयोजित हुआ है. यह कहा जा सकता है कि हम सभी की ओर, विशेषकर AIIMS देवघर की पूरी टीम की ओर, बाबा बैद्यनाथ धाम, बाबा बासुकीनाथ धाम और हृदयपीठ से कृपा की धारा बह रही है.
उन्होंने आगे कहा, “AIIMS देवघर के साथ मेरी विशेष स्मृति जुड़ी हुई है. 25 मई 2018 को प्रधानमंत्री द्वारा सिंदरी से इस संस्थान का शिलान्यास किया गया था. तब झारखंड की राज्यपाल के रूप में, वहां मैं उपस्थित थी. इस संस्थान के प्रथम दीक्षांत समारोह में भाग लेने का अवसर भी मुझे मिला है.”