रांचीः झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने पुलिस महकमा में ट्रांसफर- पोस्टिंग को लेकर सवाल खड़े करते हुए राज्य के पुलिस प्रमुख पर निशाना साधा है. डीजीपी पर तंज कसने के बहाने सरकार की कार्यशैली पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
बाबूलाल मरांडी ने कहा है, “10 जून को 8 आईपीएस अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. जबकि डीजीपी खुद असंवैधानिक तरीके से अपने पद पर बने हैं. और उन्होंने अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार दे दिया है. सुना है कि गृह विभाग ने उसे रद्द करते हुए डीजीपी से स्पष्टीकरण मांगा है.
बाबूलाल ने कहा, “डीजीपी अनुराग गुप्ता अब न अखिल भारतीय सेवा में हैं, ना सस्पेंड हो सकते हैं, ना उनपर कोई विभागीय कार्रवाई लागू होती है, ना तो उन्हें वेतन मिल रहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनका वेतन रोक सकते हैं. तो फिर स्पष्टीकरण से क्या होगा.”
मरांडी ने आरोप लगाया है कि “झारखंड की पुलिस व्यवस्था शैडो डीजीपी के हाथों में है. सिपाहियों तक की ट्रांसफर-पोस्टिंग कैसे ले-देकर हो रही है. पता कर लीजिये. कोई नहीं बताये तो हमें कॉल करियेगा, विस्तार से सब बता देंगे. यह कौन नहीं जानता है कि झारखंड के कुछ बेलगाम अफसर अब संविधान से नहीं, सत्ता के साथ ‘नेटवर्क’ से चलते है.”