देवघरः गोड्डा से बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे शनिवार को अपनी गिरफ्तारी देने बाबा बैद्यनाथ मंदिर थाने पहुंचे, जहां पुलिस ने गिरफ्तार करने से मना किया.
देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर थाना में गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे और उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी समेत अन्य कई लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. यह प्राथमिकी नगर थाना क्षेत्र के लोकनाथ ठाकुर लेन निवासी कार्तिक नाथ ठाकुर की शिकायत पर दर्ज की गयी है.
इस प्राथमिकी को लेकर सांसद खासे नाराज हैं. वे दिल्ली से देवघर पहुंचे. यहां से अपने समर्थकों के साथ सीधे थाने पहुंचे और पुलिस अधिकारियों से गिरफ्तार करने को कहा. लेकिन बाबा मंदिर थाने की पुलिस ने उन्हें इस मामले में गिरफ्तार नहीं किया.
गिरफ्तारी देने बाबा मंदिर थाने पहुंचे सांसद निशिकांत दुबे को पुलिस ने बताया कि इस मामले में सीधी गिरफ्तारी नहीं हो सकती है. इस मामले में पहले तीन बार बार नोटिस दिये जाने के बाद ही किसी कार्रवाई का प्रावधान है. केस को एमपी-एमएलए कोर्ट में भेजा गया है. अभी स्वीकार नहीं किया गया है. करीब आधे घंटे तक थाने में रहने के बाद सांसद निशिकांत दुबे वापस लौट गये.
बीजेपी सांसद के खिलाफ प्राथमिकी में यह कहा गया है कि दो अगस्त की रात 8:45 से 9:00 बजे के बीच जलार्पण बंद होने तथा कांचा जल चढ़ाने के बाद उक्त सभी लोग जबरन निकास द्वार से मंझलाखंड में प्रवेश कर गये. इस दौरान सुरक्षा ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मी के साथ धक्का-मुक्की भी की गयी. गर्भगृह में तीर्थ पुरोहितों एवं पुजारी द्वारा मना करने के बावजूद सभी गर्भ गृह में प्रवेश कर गये. इससे धार्मिक परंपरा एवं आस्था को ठेस पहुंची है. साथ ही सरकारी कार्य में व्यवधान उत्पन्न किया गया है. पुलिस का कहना है कि घटना की गंभीरता को देखते हुए सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है.
इधर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सांसद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के मामले में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने एक्स पर कहा, “बीजेपी के लोग सरकार प्रायोजित इस तरह के दमनातमक कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं. निशिकांत दुबे जी अपनी गिरफ्तारी देने थाने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने गिरफ्तार करने से ही मना कर दिया.”
गौरतलब है कि इसी मामले में बीजेपी सांसद ने झारखंड के डीजीपी और देवघर के एसपी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाया है. इस बाबत सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र भी लिखा है.
उन्होंने यह भी कहा है कि बाबा बैद्यनाथधाम विकास प्राधिकरण अधिनियम 2016 के तहत वे ट्रस्टी हैं और उनके खिलाफ की गयी प्राथमिकी उस अधिनियम की धारा 27 का उल्लंघन है. सांसद ने कहा है कि यह कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है और उन्हें उनके संसदीय कर्तव्यों से रोकने के लिए की जा रही है.
सांसद ने यह भी आरोप लगाया है कि बाबा बैद्यनाथधाम में दो अगस्त को मंदिर में दर्शन के दौरान उनके ऊपर और सांसद मनोज तिवारी सहित अन्य सहयोगियों पर प्रशासन द्वारा झूठी और मनगढ़ंत एफआइआर दर्ज की गयी है.
इससे पहले शुक्रवार को सांसद ने अपने सोशल मीडिया के अकाउंट एक्स पर कहा, “पूजा करने के कारण यह केस है. अभी तक 51 केस मेरे ऊपर दर्ज हैं. शनिवार की सुबह वे दिल्ली से देवघर आयेंगे. सीधे पुलिस थाने जायेंगे और गिरफ्तारी देंगे.”