रांचीः पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा है कि सूर्या हांसदा आदिवासी था और समाजसेवा करता था इसलिए उसे पुलिस ने एनकाउंटर के नाम पर मार दिया.
रांची में मीडिया से बात करते हुए चंपाई सोरेन ने कहा, “क्या यही दिन देखने के लिए लंबी लड़ाई के बाद अलग राज्य हासिल किया गया था. अलग राज्य के लिए आदिवासियों, मूलवासियों की लड़ाई को पीछे मुडकर देखियेगा, तो दिल हिल जाएगा.”
चंपाई सोरेन ने सूर्या हांसदा के एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए.
गौरतलब है कि झारखंड में गोड्डा जिले के कमलडोरी पहाड़ के पास 10-11 अगस्त की दरमियानी रात पुलिस ने सूर्या हांसदा का एनकाउंटर किया है. पुलिस का दावा है कि सूर्या पुलिस की गिरफ्त से उस समय राइफल छीनकर भागने की कोशिश की, जब उसके निशानदेही पर उसे हथियार बरामद करने के लिए पहाड़ी पर ले जाया गया था. लेकिन सूर्या की देवघर के मोहनपुर स्थित नवाडीह गांव से गिरफ्तारी और फिर कमलडोरी पहाड़ के पास हुई मुठभेड़ को लेकर लगातार सवाल उठाये जाने के साथ सीबीआइ जांच की मांग की जा रही है.
उन्होंने कहा कि जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए बड़े पैमान पर धरती पुत्र शहीद हुए. दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने भी आदिवासी हितों और अधिकार को लेकर लंबा आंदोलन किया.
उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार की कार्यप्रणाली को देखने से लगता ही नहीं है कि आदिवासी हितों से उसे कोई लेना-देना है.
नगड़ी के किसान, रैयत, आदिवासी जमीन बचाने के ले आंदोलन की राह पर हैं. उपजाऊ जमीन छीनने के लिए सरकार बेकरार है. क्यों नहीं स्मार्ट सिटी में रिम्स टू के लिए जमीन ली जा रही है. वहां सौकड़ों एकड़ जमीन सरकार की खाली पड़ी है.
चंपाई सोरेन ने कहा कि 24 अगस्त को नगड़ी मौजा में रिम्स -2 के लिए जमीन अधिग्रहण के खिलाफ आदिवासियों के ‘हल जोतो, रोपा रोपो’ कार्यक्रम में वे भी शामिल होंगे.