रांचीः देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर थाना में गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे और उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी समेत अन्य कई लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के खिलाफ सांसद ने झारखंड के डीजीपी और देवघर के एसपी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाया है. इस बाबत सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र भी लिखा है.
यह प्राथमिकी नगर थाना क्षेत्र के लोकनाथ ठाकुर लेन निवासी कार्तिक नाथ ठाकुर की शिकायत पर दर्ज की गयी है.
प्राथमिकी में यह कहा गया है कि दो अगस्त की रात 8:45 से 9:00 बजे के बीच जलार्पण बंद होने तथा कांचा जल चढ़ाने के बाद उक्त सभी लोग जबरन निकास द्वार से मंझलाखंड में प्रवेश कर गये. इस दौरान सुरक्षा ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मी के साथ धक्का-मुक्की भी की गयी. गर्भगृह में तीर्थ पुरोहितों एवं पुजारी द्वारा मना करने के बावजूद सभी गर्भ गृह में प्रवेश कर गये. इससे धार्मिक परंपरा एवं आस्था को ठेस पहुंची है. साथ ही सरकारी कार्य में व्यवधान उत्पन्न किया गया है. पुलिस का कहना है कि घटना की गंभीरता को देखते हुए सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है.
प्राथमिकी दर्ज किए जाने की खबर के बाद सांसद ने अपने सोशल मीडिया के अकाउंट एक्स पर शुक्रवार को कहा, पूजा करने के कारण यह केस है. भी तक 51 केस मेरे ऊपर दर्ज हैं. शनिवार की सुबह वे दिल्ली से देवघर आयेंगे. सीधे पुलिस थाने जायेंगे और गिरफ्तारी देंगे. शनिवार को एक्स पर सांसद ने लिखा– कानून व्यवस्था में कोई परेशानी नहीं हो, सीता होटल से पैदल चलकर थाने पहुंचूंगा.
शनिवार की सुबह सांसद ने फिर एक पोस्ट किया है. इसमें कहा है कि कानून व्यवस्था में कोई परेशानी नहीं हो, सीता होटल से पैदल चलकर थाने पहुंचूंगा.
सांसद ने आरोप लगाया है कि बाबा बैद्यनाथधाम में दो अगस्त को मंदिर में दर्शन के दौरान उनके ऊपर और सांसद मनोज तिवारी सहित अन्य सहयोगियों पर प्रशासन द्वारा झूठी और मनगढ़ंत एफआइआर दर्ज की गयी है.
उन्होंने यह भी कहा है कि बाबा बैद्यनाथधाम विकास प्राधिकरण अधिनियम 2016 के तहत वे ट्रस्टी हैं और उनके खिलाफ की गयी प्राथमिकी उस अधिनियम की धारा 27 का उल्लंघन है. सांसद ने कहा है कि यह कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है और उन्हें उनके संसदीय कर्तव्यों से रोकने के लिए की जा रही है. उन्होंने दावा किया कि वर्ष 2019 में हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने के बाद से राज्य सरकार के कुछ उच्च अधिकारी निरंतर मुझे निशाना बना रहे हैं. छोटी-छोटी बातों पर मेरे विरुद्ध बार-बार प्राथमिकी दर्ज की जाती रही है, जिनमें से अधिकांश को न्यायालयों द्वारा खारिज किया जा चुका है.