रांचीः अजरबैजान से प्रत्यर्पण के बाद झारखंड आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) द्वारा गैंगस्टर मयंक सिंह को शनिवार सुबह रांची वापस लाया गया. कड़ी सुरक्षा में उसे एयरपोर्ट से बख्तरबंद गाड़ी में एटीएस मुख्यालय ले जाया गया, जहां प्रारंभिक पूछताछ के बाद उसे रामगढ़ की एक अदालत में पेश करने के लिए ले जाया जाएगा.
एटीएस अधिकारियों के मुताबिक, मयंक सिंह पर रामगढ़ के पतरातू थाना क्षेत्र में दर्ज एक कांड में आरोप पत्र दाखिल किया गया था. इसी मामले के आधार पर बाकू अपराध न्यायालय में मुकदमा चला और अजरबैजान की अदालत ने उसके भारत प्रत्यर्पण को मंज़ूरी दी.
इससे पहले झारखंड एटीएस के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ऋषव कुमार झा के नेतृत्व में एटीएस के दल ने दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के अनुसार औपचारिकताएं पूरी कीं और फिर मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा को वापस लाने के लिए आजरबैजान का दौरा किया.
रांची हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद झा ने कहा, “झारखंड पुलिस के इतिहास में यह पहला सफल प्रत्यर्पण है. हमें उम्मीद है कि विदेश में मौजूद बाकी अपराधियों को भी जल्द ही प्रत्यर्पण या निर्वासन के जरिए वापस लाया जाएगा.”
उन्होंने कहा, “यह एक बड़ी उपलब्धि है और इसका श्रेय हमारे पुलिस महानिदेशक, मुख्यमंत्री और राज्य व केंद्र सरकार के सहयोग को जाता है.”
एटीएस एसपी ने बताया कि सिंह झारखंड, राजस्थान और पंजाब समेत अन्य राज्यों में दर्ज 50 से अधिक मामलों में वांछित है.
पुलिस अधिकारी ने कहा, प्रथम दृष्टया, वह अमन साहू और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के बीच संपर्क का एक बिंदु प्रतीत होता है. हम उससे पूछताछ करेंगे और जेल में दोनों गिरोहों के किस तरह के संबंध हैं, इसकी पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे. उसके खिलाफ झारखंड, राजस्थान और अन्य मामलों में 50 मामले दर्ज हैं. लिहाजा रिमांड पर लेने के बाद विस्तार से पूछताछ की जाएगी. प्रत्यर्पण के दौरान ज्यादा पूछताछ नहीं की जा सकी है. “
उन्होंने बताया कि सिंह को रामगढ़ की एक अदालत में पेश करके पुलिस हिरासत मांगी जाएगी.
मयंक सिंह को पिछले साल अक्टूबर में आजरबैजान के दातू में गिरफ्तार किया गया था.
बताया जाता है कि वह लॉरेंस बिश्नोई गिरोह और मारे गए कुख्यात गैंगस्टर अमन साव गैंग से भी जुड़ा रहा है.
झारखंड पुलिस लंबे समय से उसकी तलाश में थी और उसका प्रत्यर्पण एजेंसियों के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है.