हजारीबागः शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर से प्रशासन ने बुधवार को संजीवनी सेवा कुटीर को हटा दिया है. मरीजों और उनके तीमारदारों की सुविधा के लिए हजारीबाग से बीजेपी के विधायक प्रदीप प्रसाद ने इसी साल चार जनवरी को अस्पताल परिसर में सेवा कुटीर की स्थापना की थी. इसके बाद से ही इस कुटीर को लेकर राजनीतिक विवाद कायम था.
संजीवनी सेवा कुटीर को हटाने के लिए मैजिस्ट्रेट के साथ भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी.
इससे पहले प्रशासन ने विधायक को अतिक्रमण के नाम पर सेवा कुटीर हटाने को नोटिस भेजा था. बुधवार को जैसे ही पुलिस बल हाइड्रा लेकर अस्पताल पहुंचा, विधायक के कई समर्थक और कार्यकर्ता भी अस्पताल पहुंचे. उन्होंने प्रशासन की इस कार्रवाई को जनविरोधी बताया. प्रशासन और स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी भी की.
हजारीबाग सदर अंचल अधिकारी मयंक भूषण सिंह ने बताया कि कुटीर को लेकर अतिक्रमण का वाद चला था. दस दिनों में हटाने को कहा गया था. इसके बाद प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई की है.
इसे हटाये जाने के बाद हजारीबाग के बीजेपी विधायक प्रदीप प्रसाद ने नाराजगी जाहिर करते हुए स्वास्थ्य मंत्री पर हमला बोला है. प्रदीप प्रसाद ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया, “मंत्री दुर्भावना से ग्रसित हैं और हमेशा अनर्गल बयान देते रहते हैं. इनका नाम लेना भी अच्छा नहीं लगता. सेवा कुटीर के संचालन में जुटे युवाओं के प्रति भी उन्होंने गलत बातें की. अजीब हाल है, मानो कांग्रेस नेतृत्व के पास और कोई नेता ही नहीं है, जिसे झारखंड में स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी दी जाए.”
इससे पहले विधानसभा के बजट सत्र में भी यह मामला उछला था. तब स्वास्थ्य मंत्री ने सेवा कुटीर को लेकर तल्ख टिप्पणी की थी.
स्वास्थ्य मंत्री कई मौके पर कहते रहे हैं कि अगर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोई कमी, तो है प्रबंधन और सरकार को जानकारी दी जाए. व्यवस्था सुधारने के लिए सरकार तैयार है. लेकिन सेवा कुटीर के नाम पर राजनीति नहीं चलेगी.
मंगलवार को हजारीबाग के चौपारण में स्वास्थ्य मंत्री ने इसी मामले में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए सेवा कुटीर के संचालन पर सवाल खड़े करते हुए कई आरोप लगाए थे.
वहीं जिला प्रशासन ने इसे सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करार देते हुए सदर विधायक को हटाने के लिए नोटिस जारी किया था.
हालांकि मंत्री के आरोपों का जवाब देते हुए विधायक ने कहा, कुटीर में कार्यरत युवा पढ़े-लिखे हैं और सेवा भाव से काम करते थे. कभी किसी मरीज या उनके तीमारदार ने आरोप नहीं लगाया, पीड़ितों ने दुआएं दी, लेकिन मंत्री ही अनर्गल आरोप लगा रहे हैं. अब मंत्री के इस दिमाग का क्या कहना.

क्या काम था सेवा कुटीर का
अस्पताल परिसर में संजीवनी सेवा कुटीर के नाम से एक किस्म का हेल्प डेस्क की स्थापना विधायक ने की थी. विधायक का कहना है कि इस कुटीर में 24 घंटे युवाओं की टीम तैनात रहती थी, जो गांव- गिराव से आने वाले मरीजों को इलाज को लेकर जानकारी उपलब्ध कराते थे. लिफ्ट खराब रहने की स्थित में खुद उठाकर वार्ड में पहुंचाते थे. एंबुलेंस नहीं मिलने पर गाड़ी की व्यवस्था कर दी जाती थी. गरीबों को कई मौके पर भोजन और रहने की सुविधा दी जाती थी. सेवा कुटीर किसी निजी स्वार्थ या प्रचार के लिए कतई नहीं बना, बल्कि जनसरोकार को केंद्र में रखकर स्थापित किया गया.
विधायक कहते हैं, “पूरे प्रमंडल से यहां आम आदमी इलाज कराने आते हैं. तब मैंने कौन सी राजनीति कर दी. अस्पताल के हालात अच्छे नहीं हैं. डॉक्टरों और अधिकारियों की लापरवाही और रवैया अक्सर सुर्खियों में रहा है. मंत्री उसे दुरूस्त करने के बजाय फरमान जारी करने लगे. सेवा कुटीर को हटाये जाने पर मेरे दिल पर क्या बीत रहा है, वह हम ही जानते हैं. सोशल मीडिया पर भी मेरे इस काम को किसी ने नहं गलत कहा. सरकार की ही आलोचना की जा रही है. हमारा यह प्रयास जारी रहेगा. नये विकल्प जल्दी खड़े करेंगे.”
गौरतलब है कि चार जनवरी को इस कुटीर के उदघाटन कार्यक्रम में हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल, चतरा सांसद कालीचरण सिंह, बरही विधायक मनोज कुमार यादव, बड़कागांव विधायक रोशन लाल चौधरी, बरकट्ठा विधायक अमित यादव, मांडू विधायक तिवारी महतो, चतरा विधायक जनार्दन पासवान, बगोदर विधायक नागेंद्र महतो और सिमरिया विधायक उज्ज्वल दास भी उपस्थित थे.