परिसीमन पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की ओर से बुलाई गई पहली संयुक्त समिति की बैठक को लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने इस बैठक का स्वागत करते हुए कहा है कि परीसीमन सिर्फ जनसंख्या के आधार पर सीमित करना, निष्पक्ष और न्याय संगत नहीं हो सकता.
एक्स पर कुछ देर पहले ही हेमंत सोरेन ने यह प्रतिक्रिया व्यक्त की है. इसके साथ ही उन्होंने निष्पक्ष परीसीमन की बात कही है.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की ओर से शनिवार को बुलाई गई परिसीमन पर पहली संयुक्त समिति की बैठक को लेकर प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है. साथ ही देश भर की निगाहें टिकी हैं.
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की ओर से परिसीमन पर बुलाई गई बैठक में भाग लेने के लिए चेन्नई पहुंचे हैं.
डीके शिवकुमार ने पत्रकारों से बात करते हुए एमके स्टालिन को बधाई दी और कहा कि ‘उन्होंने पहला कदम उठाया है. हमें गर्व है कि वह इस देश की संघीय संरचना और संविधान की रक्षा कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा, “आज हम सभी मिलकर आगे की प्रगति पर चर्चा करेंगे और एकसाथ काम करेंगे. तेलंगाना, पंजाब, केरल के नेता यहां एक साथ हैं. हम किसी भी हालत में अपने देश और अपनी सीटों को नुकसान नहीं होने देंगे.”
शिवकुमार ने कहा, “हम एक प्रगतिशील राज्य हैं. हमने आर्थिक और शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा काम किया है. हम एकजुट रहेंगे और हमारी सीटें बचाएंगे.”
उधर तमिलनाडु भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है.
उन्होंने प्रदेश सरकार पर तमिलनाडु के मुद्दों को नज़रअंदाज़ करने का आरोप लगाया है. साथ ही कहा कि एमके स्टालिन परिसीमन का मुद्दा खुद बना रहे हैं.
अन्नामलाई ने पत्रकारों से कहा कि जब से डीएमके ने सत्ता संभाली है, तमिलनाडु के मुद्दों को लगातार राजनीतिक लाभ के लिए नज़रअंदाज़ किया गया है.
इससे पहले एक्स पर एक पोस्ट में एमके स्टालिन ने लिखा, “आज का दिन इतिहास में दर्ज हो जाएगा, क्योंकि यह वह दिन है, जब हमारे देश के विकास में योगदान देने वाले राज्य निष्पक्ष परिसीमन सुनिश्चित करके इसके संघीय ढांचे की रक्षा के लिए एक साथ आए. मैं इस बैठक में सभी मुख्यमंत्रियों और राजनीतिक नेताओं का हार्दिक स्वागत करता हूं, जो निष्पक्ष परिसीमन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता में एकजुट हैं.”
इस बैठक में शामिल होने के लिए एमके स्टालिन ने जिन राज्यों में विपक्ष की सरकार है उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया है.