हिंदी बनाम मराठी भाषा विवाद के बीच झारखंड के गोड्डा से बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के विवादित बयान ‘मारो लेकिन वीडियो मत बनाओ’ पर तीखा हमला बोला है.
उन्होंने कहा है कि राज ठाकरे और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) बीएमसी चुनाव के चलते सस्ती राजनीति कर रहे हैं.
समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में निशिकांत दुबे ने कहा, “आप क्या कह रहे हो कि मराठी बोलना होगा. आप किसकी रोटी खा रहे हो? वहां टाटा है, बिरला है, रिलायंस है. कोई महाराष्ट्र में यूनिट नहीं है. उस वक्त अगर बिहार नहीं होता, टाटा ने तो पहली फैक्ट्री वहीं बनाई. हमारे पैसे पर पल रहे हो, तुम कौन सा टैक्स लाते हो, कौन सी इंडस्ट्री है तुम्हारे पास? माइंस झारखंड के पास है, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश ओडिशा के पास है. आपके पास कौन सी माइंस है.”
बीजेपी सांसद ने आगे कहा, “रिफाइनरी यदि रिलायंस या एसआर ने बैठाई है तो वो गुजरात में बैठाई है. सारी सेमीकंडक्टर की इंडस्ट्री गुजरात में आ रही है. आप लाटशाही कर रहे हो? ऊपर से आप हमारा दोहन करके, शोषण करके टैक्स भरते हो. यदि आपमें ज्यादा हिम्मत है तो हिंदी भाषी को मारते हो तो उर्दू भाषी को भी मारो. तमिलियन को भी मारो. आप तेलगू वाले को भी मारो. आप इस तरह की घटिया हरकत कर रहे हो.”
निशिकांत दुबे ने कहा, “मैंने हमेशा कहा है कि जब अपने घर में हो, महाराष्ट्र में हो, अगर बहुत बड़े बॉस हो तो चलो बिहार, चलो उत्तर प्रदेश. चलो तमिलनाडु. तुमको पटक-पटककर मारेंगे. ये अराजकता नहीं चलेगी.”
हम मराठी का सम्मान करते हैं- दुबे
इसके साथ ही उन्होंने कहा, “हम मराठी का सम्मान करते हैं. मराठी एक आदरणीय भाषा है. हम छत्रपति साहू जी महाराज, छत्रपति शिवाजी महाराज, पेशवा, तात्या तोपे सभी का हम सम्मान करते हैं. तिलक हो या लाजपत राय हों, गोपाल कृष्ण गोखले हों, सभी ने आजादी के आंदोलन में योगदान दिया है. हम तो सभी मराठी स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान करते हैं. भारत की स्वतंत्रता में महाराष्ट्र का बहुत बड़ा योगदान है.”
हिंदी भाषी-उर्दू भाषी को पीटकर दिखा दें
बीजेपी सांसद ने ये भी कहा, “बीएमसी का चुनाव होने वाला है, ये उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे जो कर रहा है, इससे घटिया कोई काम नहीं हो सकता. हम इसका प्रतिकार करते हैं. यदि उनमें हिम्मत है तो बगल में माहिम इलाके में चले जाएं और माहिम की दरगाह के सामने किसी हिंदी भाषी और उर्दू भाषी को पीटकर दिखा दें तो मैं मानूंगा कि सचमुच बाला साहब ठाकरे जी के वारिस हैं और बाला साहेब ठाकरे जी के सिद्धांतों पर चल रहे हैं.”