साहिबगंज- झारखंड के साहिबगंज जिले स्थित भोगनाडीह में सोमवार को संथाल ‘हूल’ क्रांति दिवस पर आदिवासियों के एक समूह और पुलिस-प्रशासन के बीच जमकर झड़प हो गई.हालात बिगड़ता देख पुलिस ने लाठीचार्ज किया. आंसू गैस के गोले भी छोड़े जाने की खबर है. इस संघर्ष में कुछ पुलिसकर्मी और ग्रामीण घायल हुए हैं.
पुलिस के तीन घायल जवानों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया है. सभी का बरहेट सीएचसी में इलाज चल रहा है.
साहिबगंज के उपायुक्त हेमंत सती समेत पुलिस और प्रशासन के कई अधिकारी भोगनाडीह में हैं. गांव में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.
जानकारी के मुताबिक हूल दिवस के मौके पर होने वाले विशेष कार्यक्रम से ठीक पहले सिदो कान्हू मुर्मू हूल फाउंडेशन के सदस्यों और ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया.
इस समूह के लोगों का आरोप है कि उनके कार्यक्रम को लेकर लगाये गये पंडाल को खोल दिया गया है. फाउंडेशन और आदिवासियों के एक समूह के इस कार्यक्रम को लेकर दो दिनों से वहां विवाद बना हुआ था.
मंडल मुर्मू और ग्रामीणों का कहना है कि वेलोग सिदो-कान्हू की शहादत को सम्मान देने के लिए कार्यक्रम करना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने सांस्कृतिक और पारंपरिक अधिकारों में बाधा डाला. ग्रामीणों ने प्रशासन पर भेदभावपूर्ण रवैये का आरोप भी लगाया है.

विवाद के बाद टकराव
गौरतलब है कि 1855-56 में अंग्रेजों के खिलाफ हुई संथाल ‘हूल’ क्रांति के महानायकों सिदो-कान्हू और अन्य शहीदों की स्मृति में प्रति वर्ष 30 जून को हूल दवस मनाया जाता है.
इस मौके पर सिदो- कान्हू के गांव भोगनाडीह में राज्य सरकार की ओर से राजकीय कार्यक्रम आयोजित किया जाता रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री भी शामिल होते हैं. कार्यक्रम में सरकार लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का भी वितरण करती रही है.
30 जून को ही भोगनाडीह के अलावा झारखंड की राजधानी रांची समेत संपूर्ण राज्य में हूल क्रांति के नायकों को याद किया जाता है. इस मौके पर कई कार्यक्रम होते हैं.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन साहिबंगज जिले के बरहेट विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भी करते हैं. फिलहाल वे दिल्ली में हैं, जहां अस्पताल में भर्ती जेएमएम के संस्थापक संरक्षक और अपने पिता शिबू सोरेन की देख में जुटे हैं.
सोमवार को भोगनाडीह में होने वाले कार्यक्रम में सीएम के प्रतिनिधि के तौर पर राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को भाग लेना है.
इधर राजकीय कार्यक्रम के समानांतर सिदो-कान्हू मुर्मू हूल फाउंडेशन नामक संगठन ने भी इसी स्थल पर अलग कार्यक्रम का पहले ही ऐलान कर रखा है. हूल फाउंडेशन का संचालन सिदो- कान्हू के वंशज मंडल मुर्मू करते हैं.
इसी कार्यक्रम को लेकर दो दिनों से विवाद बना हुआ था. इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को आमंत्रित किया गया है.
रविवार को चंपाई सोरेन ने भी समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में आरोप लगाया था कि सरकार वहां एक आदिवासी समूह के कार्यक्रम को रोकने की कोशिशों में जुटी है. यह आदिवासी भावना और हूल के नायकों का अपमान है.
इधर झड़प के बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने भी इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. साथ ही सरकार को इसके लिए जिम्मेवार ठहराया है.