मानसून सत्र के समाप्त होने पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि वर्ष 2025 का मानसून सत्र इतिहास में एक ही कारण से जाना जाएगा कि 21 जुलाई 2025 को राज्यसभा में एक ज्वालामुखी का विस्फोट हुआ था और वो ज्वालामुखी था जगदीप धनखड़.”
उन्होंने कहा है, “भारत के इतिहास में पहली बार उपराष्ट्रपति का इस्तीफ़ा लिया गया. उनको चुप कराया गया. एक महीने से हमने जगदीप धनखड़ के बारे में सुना नहीं, देखा नहीं, कहां हैं, ये देश जानना चाहता है.”
जयराम रमेश ने कहा है, “एसआईआर को लेकर सरकार आखिरी दिन तक अडिग रही, सरकार ने कहा हम इस पर बहस नहीं होने देंगे. हमने कहा आप इलेक्ट्रोरल रिफॉर्म पर चर्चा कीजिए. उस पर भी नहीं माने.”
उन्होंने कहा है, “आखिरी दिन गृह मंत्री तीन विधेयक लाते हैं, जो हमारे संविधान के ख़िलाफ़ हैं. लोकतंत्र के खिलाफ हैं. धमकी देने वाले कानून लाए हैं. तीस दिन के अंदर अगर आप बीजेपी के वॉशिंग मशीन में नहीं आएंगे तो आपको इस्तीफ़ा देना पड़ेगा. इन बिल के यही मायने हैं. हमने इसका भी विरोध किया.”