रांचीः सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर जमीन की खरीद-बिक्री के 15 साल पुराने मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने पूर्व मंत्री एनोस एक्का, उनकी पत्नी मेनन एक्का और रांची के पूर्व भूमि सुधार राजस्व उपसमाहर्ता कुमार प्रभात समेत 9 आरोपियों को दोषी करार दिया है.
सभी दोषियों को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इसके साथ ही सजा पर सुनवाई के लिए 30 अगस्त की तारीख निर्धारित की गई है.
एनोस एक्का पर आरोप है कि मंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने का दुरूपयोग किया और कानून का उल्लंघन कर पत्नी के नाम अलग-अलग जगहों पर जमीन खरीदी. इस गलत काम में एलआरडीसी कार्तिक कुमार प्रभात ने उनकी मदद की थी.
अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में दलील दी कि प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर जमीन की खरीदारी की गई थी.
हाईकोर्ट के आदेश पर इस मामले में सीबीआइ ने 2010 में प्राथमिकी दर्ज की थी.
एनोस एक्का की पत्नी मेनन एक्का के नाम से हिनू में 22 कट्ठा, ओरमांझी में 12 एकड़, नेवरी में 4 एकड़ और चुटिया के सिरम टोली मौजा में 9 डिसमिल जमीन खरीदी गई थी.
सभी जमीन की खरीदारी मार्च 2006 से मई 2008 के बीच की गई थी. इस दौरान एनोस एक्का सरकार में मंत्री थे.
लंबी सुनवाई के बाद सीबीआई द्वारा लगाए गए सभी आरोप कोर्ट में सिद्ध हो गए, जिसके बाद आरोपियों को दोषी करार दिया गया.
गौरतलब है कि एनोस एक्का सिमडेगा जिले में एक पारा शिक्षक हत्याकांड में भी सजायाफ्ता हैं. उस मामले
साल 2018 में पारा शिक्षक की हत्या के मामले में एनोस एक्का को सिमडेगा की एक अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. फिलहाल इस मामले में वे जमानत पर हैं.
आय से अधिक संपत्ति मामले और मनी लाउंड्रिंग केस में भी ईडी कोर्ट से एनोस सजायाफ्ता हैं. लंबे दिन तक वे जेल में भी रहे. हालांकि इस मामले में भी उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है.
लंबे दिन तक केस मुकदमों और जेल के झंझावात से गुजरते एनोस एक्का एक बार फिर जमीन खरीद के मामले में बुरी तरह फंस गये हैं. और उन्हें दोषी करार दिया गया है.