झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने राज्य में सदर अस्पतालों की व्यवस्था में सुधार के लिए सिविल सार्जनों को सख्त निर्देश दिए हैं. उन्होंने स्पष्ट कहा है कि छोटे मर्ज पर किसी रोगी को सीधे रिम्स में रेफर करने की आदत पर रोक लगाएं.
सोमवार को नामकुम स्थित आईपीएच सभागार में राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जनों के साथ स्वास्थ्य योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक करते हुए मंत्री ने कहा कि मरीज को बेहतर इलाज देना ही प्राथमिकता होनी चाहिए.
एम्बुलेंस सेवाओं में लापरवाही पर रोक लगाने को लेकर मंत्री ने कहा कि यदि किसी मरीज की मौत एम्बुलेंस की देरी या लापरवाही से होती है, तो इसके लिए सिविल सार्जन जिम्मेदार होंगे.
उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत सदर और अनुमंडलीय अस्पतालों में प्राइवेट डॉक्टरों की सेवाएं ली जाएं. उन्हें समय पर प्रोत्साहन राशि दी जाए और शनिवार-रविवार को भी ओपीडी सेवा जारी रखी जाए. रांची, पटना, कोलकाता और दिल्ली जैसे बड़े शहरों से विशेषज्ञ डॉक्टरों को बुलाकर विशेष चिकित्सा शिविर लगाए जाएं.
बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत 15 अगस्त से सदर अस्पतालों में और बाद के चरणों में अनुमंडलीय, सीएचसी और पीएचसी में हाई स्पीड इंटरनेट और फ्री वाई-फाई सुविधा लागू की जाएगी.
इसके अलावा मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत 15 अगस्त से सदर अस्पतालों में और बाद के चरणों में अनुमंडलीय, सीएचसी और पीएचसी में हाई स्पीड इंटरनेट और फ्री वाई-फाई सुविधा लागू की जाएगी.