रांचीः झारखंड हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी समेत 39 नेताओं को राहत दी है. कोर्ट ने पिछले साल 23 अगस्त को रांची में बीजेपी की युवा आक्रोश रैली के दौरान पुलिस के साथ कथित तौर पर झड़प और हंगामे से जुड़े एक मामले में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने का आदेश दिया है.
मरांडी के अलावा रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, सांसद वीडी राम, प्रदीप वर्मा, दीपक प्रकाश पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी, युवा मोर्चा के अध्यक्ष शशांक राज, प्रदेश प्रवक्ता प्रतुलनाथ शाहदेव समेत 39 नेताओं को यह राहत मिली है. प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता प्रशांत और पार्थ जालान ने पैरवी की. उन्होंने अदालत को बताया कि प्रार्थियों को परेशान करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई है. इनके खिलाफ कोई गंभीर मामला नहीं बनता है.
भाजपा और भाजयुमो की ‘युवा आक्रोश रैली’ के दौरान हुए बवाल को लेकर पुलिस ने 51 नेताओं के खिलाफ नामजद और 12 हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. इन सभी पर उपद्रव फैलाने बिना इजाजत सीएम आवास की ओर मार्च, सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने, अपराध के लिए उकसाने और दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने से संबंधित धाराएं लगायी गयी थीं.
भारतीय जनता युवा मोर्चा ने झारखंड में बेरोजगारी, सरकारी नौकरी की परीक्षाओं में धांधली, रिजल्ट में देरी, अनुबंध कर्मियों के स्थायीकरण जैसे सवालों को लेकर 23 अगस्त को रांची के मोरहाबादी मैदान में रैली आयोजित की थी. इस रैली में प्रदेश बीजेपी के कई प्रमुख नेता भी शामिल हुए थे. रैली के बाद बीजेपी के कार्यकर्ता, नेता सीएम आवास की ओर बढ़ने लगे. पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े तथा वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया था.