रांचीः झारखंड की जानी-मानी हॉकी कोच प्रतिमा बरवा को तमाम कोशिशों के बाद भी बचाया नहीं जा सका. रविवार की सुबह में उन्होंने अंतिम सांस ली.
गुरुवार की शाम पैरालाइसिस अटैक आने के बाद प्रतिमा बरवा को रांची के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां आईसीयू में उनका इलाज चल रहा था. स्थिति बिगड़ने के बाद वेंटिलेटर पर रखा गया.
प्रतिमा बरवा ने महिला हॉकी टीम की कप्तान सलीमा टेटे सहित कई राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को भी प्रशिक्षण दिया है.
उनके द्वारा प्रशिक्षित कई प्रतिभाशाली हॉकी खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही हैं. जाहिर तौर पर हॉकी खिलाड़ियों को उनके असामयिक निधन से दुख पहुंचा है.
प्रतिमा बरवा का शव दिन में 12.30 बजे एसएस हाई स्कूल स्टेडियम खूंटी लाया गया, जहां खिलाड़ियों, पदाधिकारियों और हॉकी प्रमियों ने उन्हें अश्रपूर्ण श्रद्धांजलि दी.
अलबत्ता हॉकी के कई युवा खिलाड़ी फूट फूटकर रोए. अंतिम विदाई के दौरान खिलाड़ियों ने हॉकी स्टिक को उनके शव के पास ऊपर उठाकर उन्हें विदाई दी. इस दौरान पूरा माहौल गमगीन था.
स्टेडियम के बाद प्रतिमा बरवा का पार्थिव शरीर शहर के खूंटी टोला जाया गया, जहां वे रहतीं थीं. खूंटी टोला में उनके शव का लोगों ने अंतिम दर्शन किया और श्रद्धांजलि अर्पित की.
इसके बाद शव को उनके गांव कोचा, तोरपा ले जाया गया, जहां गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया. सुबह में ही उनके निधन की खबर गांव के लोगों को मिल चुकी थी. जैसे ही बरवा का शव गांव पहुंचा, महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग सभी दौड़ पड़े. उन्हें आखिरी बार देखने. सम्मान में उनके कब्र पर फूल चढ़ाए गए और मोमबत्तियां जलाई गईं.
इस दौरान लड़कियां सिसक रही थीं. बड़े- बुजुर्ग स्तब्ध थे. तोरपा के विधायक सुदीप गुड़िया भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे.
हॉकी कोच के निधन पर जिला खेल पदाधिकारी राजेश कुमार चौधरी, जिला हॉकी संघ अध्यक्ष अशोक भगत, उपाध्यक्ष अर्पणा हंस, ओलंपियन मनोहर टोपनो, कोच दशरथ महतो, सुनीता लकड़ा, सुमराय टेटे सहित कई गणमान्य लोगों ने गहरा शोक व्यक्त किया.
इधर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी प्रतिमा बरवा के निधन पर शोक प्रकट करते हुए खेल के लिए अपूरणीय क्षति बताया है.
प्रतिमा बरवा अपने पीछे एक पुत्र पवन नाग और पति सुकरा नाग को छोड़ गईं हैं.
सुकरा नाग वर्तमान में पुलिस में कार्यरत हैं. और छत्तीसगढ़ में तैनात हैं.
प्रतिमा पिछले दो वर्षों से खूंटी हॉकी प्रशिक्षण केंद्र में कोच के रूप में कार्यरत थीं.
इससे पहले उन्होंने सिमडेगा में भी लंबे समय तक खिलाड़ियों को तराशने का काम किया है.

झारखंड हॉकी समेत कई खेल प्रशासकों, पदाधिकारियों और खिलाड़ियों ने प्रतिमा बरवा के निधन पर संवेदना प्रकट की है. शनिवार को कई खेल प्रशिक्षक उनसे मिलने अस्पताल पहुंचे थे.
खिलाड़ियों के मुताबिक झारखंड में महिला हॉकी को उंचाई पर पहुंचाने में प्रतिमा बरवा का अतुलनीय योगदान रहा है. प्रतिमा की असमय मृत्यु से झारखंड के खेल जगत को अपूरणीय क्षति हुई है. उनका समर्पण, अनुशासन और नेतृत्व भावी खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा. आदिवासी इलाके में गांव-गिराव की खिलाड़ियों को निखारने में वे खुद भी कड़ी मेहनत करती थीं. समय और अनुशासन की वे बेहद पाबंद थीं.
खूंटी हॉकी संघ के अशोक भगत, उनके अंतिम क्षणों तक अस्पताल में मौजूद रहे. भगत ने कहा कि सिमडेगा से निकलीं कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी निकली हैं, उन्हें ऊंचाई पर पहुंचाने में प्रतिमा बरवा का अहम योगदान रहा है. उनका असमय जाना हॉकी की नर्सरी खूंटी, सिमडेगा के लिए बड़ी क्षति है.
झारखंड हॉकी संघ की वरीय उपाध्यक्ष अर्पणा हंस ने भी प्रतिमा बरवा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि महिला कोचों में प्रतिमा बरवा का स्थान बेहद महत्वपूर्ण रहा. उनकी दूरदर्शिता और मेहनत का ही परिणाम है कि सलीमा टेटे जैसी खिलाड़ी आज अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित हुई हैं. जब प्रतिमा जी खूंटी आईं, तब यहां के लोगों में यह उम्मीद जगी थी कि सिमडेगा की तरह खूंटी से भी उभरते खुलाड़ी को वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुकाम पर पहुंचाएंगी. उनके आकस्मिक निधन ने खूंटी हॉकी को गहरे तक झकझोर दिया है.