खूंटीः झारखंड के खूंटी जिले के मुरहू प्रखंड अंतर्गत सोमार बाजार मुहल्ले में बुधवार को हुए दर्दनाक हादसे में मिट्टी के ढहने से कुएं में दबे दो बच्चों के शव को रेस्क्यू टीम ने गुरुवार को दिन साढ़े बारह बजे निकाल लिया.
इसके साथ ही बच्चों के परिवार में कोहराम मचा है. गांव में मातम पसरा है. अमित हुन्नी पुर्ती, मुरहू के गैगै गांव निवासी जोहन हुन्नी पुर्ती का पुत्र था. जबकि आशिष तोपनो पश्चिमी सिंहभूम के हेसाडीह (बंदगांव) निवासी सिबलन तोपनो का पुत्र था.
दोनों बच्चों की मां- जसनिता पुर्ती और फुलमनी सोय मुरहू के सोमार बाजार मुहल्ले में किराए के मकान में रहती हैं. स्थानीय स्कूलों में रसोईया का काम कर वे बच्चों को पढ़ा रही थीं.

22 घंटे का रेस्क्यू, जिंदा बचने की उम्मीदें खत्म
यह रेस्क्यू करीब 22 घंटे चला. इसमें एनडीआरएफ की टीम भी शामिल थी. यह हादसा मुरहू सदर पंचायत के मनरेगा अंतर्गत निर्माणाधीन एक कुएं में हुआ. यह कुआं 17 फीट व्यास और 25 फीट गहरा था.
इससे पहले बुधवार दोपहर अमित हुन्नी पुर्ती और आशिष तोपनो अपने दोस्तों के साथ खेलते-खेलते उस कुएं के पास पहुंचे, तभी अचानक मिट्टी धंसने से दोनों बच्चे कुएं में समा गए.
शुरू में गांव के लोगों ने बच्चों को बाहर निकालने का प्रयास किया. मुरहू के अंचलाधिकारी शंकर कुमार विद्यार्थी, थानेदार रामदेव यादव, मुखिया ज्योति ढ़ोडराय, बबलु खां सहित ग्रामीण मौके पर पहुंचे, लेकिन लगातार बारिश और दलदली मिट्टी के कारण हालात चुनौतीपूर्ण थे.
खूंटी की एसडीएम दीपेश कुमारी स्वंय बुधवार को घटनास्थल पर पहुंचीं और वे लगातार रेसक्यू ऑपरेशन की मोनेटरिंग करतीं रहीं. एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया. इघर बुधवार की रात से बारिश तेज होने लगी. इससे हालात और विकट बनते चले गए.
रेस्क्यू में प्रशासन के साथ स्थानीय लोग और समाजसेवी भी जुटे रहे. प्रवीण जैन उर्फ चुन्नू ने पोकलेन और हेवी पंप सेट का इंतजाम किया. शिब्लू खां ने जेसीबी भेजा.
ग्रामीणों ने बारिश से बचने के लिए घटनास्थल पर प्लास्टिक के तिरपाल लगाए और रातभर वहीं डटे रहे. गुरुवार को आत्मा के उपपरियोजना निदेशक अमरेश कुमार भी नैनो पंपसेट लेकर पहुंचे थे.
एनडीआरएफ की तमाम जद्दोजहद के बाद दोपहर लगभग साढ़े बारह बजे दोनों बच्चों का शव बाहर निकाला जा सका. इसके साथ ही बच्चों के जिंदा बचने की उनकी माओं की उम्मीदें भी खत्म हो गई.