रांचीः भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं गोड्डा के पूर्व विधायक अमित मंडल ने कहा है कि झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार की मंशा युवाओं, बेरोजगारों को नौकरी देने की नहीं है. इसलिए शिक्षख पात्रता परीक्षा जेटेट के लिए क्षेत्रवार भाषा की अनदेखी गई. यह विवाद जानबूझ खड़ा कर दिया गया है, ताकि इस मामले को लझा दिया जाए.
उन्होंने कहा कि भाजपा किसी भाषा के विरोध में नहीं, लेकिन अंगिका, भोजपुरी और मुंडारी जैसी भाषाओं को हटाने का हम कड़ा विरोध करते हैं.
अमित मंडल ने कहा कि और 2016 के J-TET में अंगिका भाषा थी, फिर अब क्यों नहीं? दरअसल गोड्डा की जनता को अपमानित करने के उद्देश्य से अंगिका को परीक्षा से हटाया गया. जबकि गोड्डा क्षेत्र में अंगिका भाषी बहुतायात में हैं. इसी तरह पलामू क्षेत्र से भोजपुरी, मगही भाषा को हटा दिया गया है. खूंटी से मुंडा भाषा को हटा दिया गया है.
उन्होंने कहा कि सरकार में कांग्रेस कोटा से मंत्री दीपिका सिंह पांडेय, राधाकृष्ण किशोर सरकार को पत्र लिख रहे हैं, लेकिन उनकी बात भी नहीं सुनी जा रही. यह हास्यास्पद जैसा है.
भाजपा नेता ने सवालिया लहजे में कहा कि मंत्री राधाकृष्ण किशोर बतायें की पलामू-गढ़वा में मगही बोली जाती है या नहीं? अंगिका में शपथ लेने वाली दीपिका पांडे सिंह को पता नहीं की गोड्डा में अंगिका भी बोली जाती है. मंत्री संजय यादव को भी नहीं पता क्या की गोड्डा में अंगिका बोलने वालों की बहुलता है. कांग्रेस के सांसद कालीचरण मुंडा बताएं कि खूंटी में मुंडारी बोली जाती है या नहीं, यदि हाँ तो उसे हटाया क्यों गया?