रांचीः भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने रांची के कांके स्थित नगडी में आदिवासी रैयतों एवं किसानों की उपजाऊ खेतिहर जमीन पर निर्माण की योजना का विरोध कर रहे आदिवासी-किसान रैयतों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना.
ग्रामीणों से बातचीत के बाद उन्होंने कहा है कि हेमंत सरकार आदिवासियों की खेतिहर जमीन से बेदखल करना चाहती है. बिना ग्रामसभा की सहमति के एक इंच भी ज़मीन नहीं देने देंगे.
रिम्स-2 के निर्माण के लिए नगड़ी में रैयतों और प्रशासन के बीच जमीन को लेकर उभरे विवाद के बीच बाबूलाल मरांडी रैयतों, किसानों के समर्थन में आए हैं. उन्होंने कहा है कि खेती-बाड़ी की जमीन उजाड़कर विकास नहीं, विनाश हो सकता है.
उन्होंने कहा कि यहां जो लोग वर्षों से खेती-बाड़ी कर अपनी आजीविका चला रहे हैं, उन्हें आखिर क्यों उजाड़ा जा रहा है? इन किसानों ने कौन-सा अपराध किया है जो उनकी उपजाऊ जमीन छीनी जा रही है? सरकार यदि अस्पताल ही बनाना चाहती है तो रांची के चारों ओर बंजर भूमि की कोई कमी नहीं है. अगर उन्हें नहीं मिल रही है तो हम खोजने को तैयार हैं.
मरांडी ने आगे कहा कि इस क्षेत्र में एक ओर 202 एकड़, दूसरी ओर 25 एकड़ ज़मीन है. सरकार को सोचना चाहिए कि क्या ये सही निर्णय है? उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील की है कि एक बार वे खुद यहां आकर देखें कि वास्तव में क्या हो रहा है.