रांची: झारखंड के स्कूली शिक्षा और निबंधन मंत्री रामदास सोरेन के निधन पर राज्य में एक दिन का राजकीय शोक रहेगा. शनिवार की सुबह मंत्री का पार्थिव शरीर दिल्ली से रांची लाया गया.
यहां विधानसभा में उन्हें राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इसके बाद पार्थिव शरीर को जमशेदपुर ले जाया गया.
रामदास सोरेन के अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि देने वालों में परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ, कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी, सांसद जोबा मांझी, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, महुआ माजी समेत कई नेताओं और राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी मुख्य तौर पर शामिल थे.
राज्यपाल ने रामदास सोरेन जी के निधन को राज्य के लिए अपूरणीय क्षति बताया है. उन्होंने शोकाकुल परिजनों से भेंट कर अपनी संवेदनाएँ व्यक्त की.
विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने शोक प्रकट करते हुए कहा है कि रामदास सोरेन का असमय जाना हम सभी को स्तब्ध करता है. ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी रामदास सोरेन के निधन पर शोक व्यक्त किया है. सोमवार की रात सोरेन के निधन की खबर मिलने के बाद सोशल मीडिया के अपने अकाउंट एक्स पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘इतनी जल्दी नहीं जाना था रामदास दा.’
62 साल के रामदास सोरेन ने सोमवार की रात दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में इलाज के दौरान अंतिम सास ली. दो अगस्त को गंभीर हालत में उन्हें दिल्ली के इंद्रपस्थ अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तमाम कोशिशों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका. वे कोल्हान में घाटशिला रिजर्व सीट से जेएमएम के विधायक थे.
झारखंड आंदोलनकारी और जेएमएम के कद्दावर नेता की पहचान रखने वाले रामदास सोरेन इस सीट से तीन बार चुनाव जीते. 1980 से उन्होंने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की थी. ग्राम स्तर से प्रतिनिधित्व करते हुए राज्य में मंत्री बने.