खूंटी_ झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, महाजनी प्रथा के खिलाफ और अलग राज्य के वास्ते आंदोलन के नायक दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष, बीजेपी के दिग्गज नेता रहे कड़िया मुंडा ने गहरा शोक प्रकट किया है. उन्होंने भावुक होते हुए एक मार्मिक कविता भी लिखी है.
91 साल के कड़िया मुंडा कहा, “राजनीति में कभी पास तो कभी दूर का नाता चलता रहता है, लेकिन शिबू सोरेन के साथ मेरे संबंध आत्मीय, संघर्षशील और आदिवासी अस्मिता के साझेदार जैसे रहे हैं.”
कड़िया मुंडा ने कहा कि “शिबू सोरेन, जो मुझसे लगभग दस वर्ष छोटे थे, उनका जाना मेरे अंतर्मन को झकझोर गया है. झारखंड आंदोलन के दिनों से लेकर संसदीय राजनीति तक दोनों ने एक साथ लंबा सफर तय किया.”
उन्होंने यह भी कहा कि हम दोनों नेताओं ने अपने-अपने क्षेत्र से 8-8 बार लोकसभा चुनाव जीतकर जनसेवा का कीर्तिमान स्थापित किया.
कड़िया मुंडा ने कहा कि मैंने खूंटी से 1977 से 2014 के बीच जबकि दिवंगत शिबू सोरेन ने दुमका से 1980 से 2014 तक चुनाव जीतकर एक रिकॉर्ड बनाया. यह जनस्नेह, हमारी जनसंघर्ष की यात्रा और आदिवासीयत की आत्मा की जीत थी।
इसके साथ ही कड़िया ने एक मार्मिक कविता के माध्यम से जीवन और मृत्यु के दर्शन को रेखांकित किया:
“नया जन्म ही जग पाता है,
मरण मूढ़-सा रह जाता है,
एक बीज सौ उपजाता है।
सृष्टा बड़ा सदय है,
जीवन की ही जय है।”