खूंटीः हॉकी की नर्सरी खूंटी की धरती में अब तीरंदाज भी उभऱने लगे हैं. जिले के नेताजी सुभाषचंद्र बोस आवासीय विद्यालय के छात्र सुधीर सांगा ने आंध्र प्रदेश के गुंटूर में आयोजित मिनी नेशनल तीरंदाजी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर झारखंड का नाम रोशन किया है.
21 मार्च से शुरू इस प्रतियोगिता में कंपाउंड बालक वर्ग के 30 मीटर इवेंट में स्वर्ण पदक जीता है.
सुधीर सांगा का जीवन संघर्षों से भरा रहा है. उनके पिता का सालों पहले निधन हो गया है. सुधीर की मां बिरंग सांगा मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करती हैं. सीमित संसाधनों के बावजूद, सुधीर की प्रतिभा और लगन ने उन्हें असाधारण खिलाड़ी बना दिया है.
सुधीर को तीरंदाजी का शौक था, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण इसे सीखना आसान नहीं था। उनकी प्रतिभा को देखते हुए उनका दाखिला नेताजी सुभाषचंद्र बोस आवासीय विद्यालय, खूंटी में कराया गया, जहां उन्हें खेल के लिए उचित माहौल मिला. कोच आशिष कुमार ने सुधीर को लगातार अभ्यास कराने, तराशने में जुटे हैं. आशिष ने सुधीर की सफलता पर हर्ष जाहिर किया है.
डुमरदगा गांव में रहने वाली सुधीर संगा की मां, बहन और बड़े पिताजी सिनुआ संगा को जब यह खबर मिली, तो उनके चेहरे पर खुशी छा गए. सुधीर की मां बिरंग संगा ने कहा कि सब कुछ सिंङबोंगा की कृपा से हुई है. गांव में लोग प्रकृति पर्व सरहुल की तैयारियों में जुटे हैं. बेटे की सफलता से अब सरहुल की खुशियां दोगुना हो गई है.
अंतरराष्ट्रीय तीरंदाजों से मिला सहयोग
सुधीर संगा के पास अभ्यास के लिए आवश्यक संसाधन नहीं थे, लेकिन अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज और वर्तमान में सीआरपीएफ में कार्यरत असरिता केरकेट्टा ने उनकी प्रतिभा को पहचानते हुए अपना धनुष अभ्यास के लिए दिया, जिसका बाजार मूल्य ढाई लाख रुपये हैं. इसके अलावा, राष्ट्रीय स्तर के तीरंदाज राहुल और मोनिका ने भी सुधीर की मदद की और उन्हें कीमती साइटर और तीर उपलब्ध कराए. इस सहयोग ने सुधीर के अभ्यास को और मजबूत बनाया साथ ही उन्हें प्रतियोगिता के लिए बेहतर तरीके से तैयार होने का अवसर मिला.