खूंटी: खूंटी-तोरपा-कोलेबिरा-सिमडेगा एनएच पर पेलोल गांव के पास बनई नदी पर बना पुल ध्वस्त हुए 80 दिन बीत चुके हैं. इस दौरान सरकार ने पुल निर्माण को लेकर कोई ठोस कद नहीं उठाया है. और न ही एक मजबूत डायवर्जन तैयार किया गया. आखिरकार परेशान ग्रामीणों ने खुद श्रमदान कर डायवर्जन बनाने का बीड़ा उठाया.
सोमवार की सुबह आसपास के गांवों से लगभग दो सौ ग्रामीण जुटे और श्रमदान कर डायवर्जन पर बोल्डर, बालू की बोरियां डालकर इतना दुरूस्त कर दिया है कि अब लोग, बाइक, साइकिल से और पैदल आवाजाही कर सकें.
ग्रामीण इस तैयारी में जुटे हैं कि बहुत जल्दी फिर श्रमदान करके डायवर्जन को चारपहिया गाड़ियों के आने- जाने लायक बना देंगे. इसके साथ ही ग्रामीणों ने सरकार से कहा है कि वह पुल बनाने का काम शुरू करे. ढाई महीने से ज्यादा वक्त गुजरे लेकिन सरकार का ध्यान इस ओर नहीं है. इससे ग्रामीणों में रोष भी है.
पुल के ध्वस्त होने के बाद अस्थायी तौर पर डायवर्जन बनवाया गया, लेकिन वह भी बारिश में बह गया. इससे रोजगार पर बुरा असर पड़ा है. बच्चे स्कूल जाने से वंचित हैं और इलाके का विकास ठप हो गया है.
पेलौल ग्रामप्रधान शिवशंकर तिडू ने बताया कि अगले कुछ दिनों में आसपास के गांवों से एक हजार से अधिक ग्रामीण जुटेंगे और श्रमदान से डाईवर्जन को और बेहतर बनाएंगे.
इसके लिए गांव-गांव में चंदा एकत्रित किया जा रहा है. डायवर्जन को और मजबूत बनाने के लिए जेसीबी तथा पोकलेन भी लगाया जाएगा.
ग्रामीणों की भागीदारी
डायवर्जन निर्माण में पेलौल, अंगराबारी, हेसेल, बिचना सरनाटोली, सारिदकेल, घाघरा और कुंजला गांवों के ग्रामीण बड़ी संख्या में शामिल हुए. इनमें शिवशंकर तिडू, लक्ष्मण महतो, राम महतो, जकरियस तिडू, दुर्गा स्वांसी, जगन्नाथ मुंडा, राजेश बोदरा, विशाल कंडुलना, बिरसा तिडू, मोहित तिडू, अभिषेक तिडू, एनेम संगा, जितेंद्र महतो, किस्टो महतो, दिलीप कुमार, इंद्रजीत महतो, हाबिल तिडू, बंटी सिंह, मुकेश महतो, रमेश साहू, संतोष सिंह समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे. जेएमएम के भी कई स्थानीय नेताओं, कार्यकर्ताओं ने हाथ बढ़ाया.
केक काटकर विरोध किया था
गौरतलब है कि पेलोल पुल के धवस्त होने के दो महीने पूरे होने पर पिछले दिनों केक काटकर विरोध प्रकट किया था. दरअसल, पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद तत्काल डायवर्जन बनाने की बात कही गयी थी. डायवर्जन बनाया भी गया, लेकिन वह बारिश में बह गया था. पहली बारिश में ही 19 जून को बनई नदी पर करोड़ों की लागत से बना पेलोल पुल धवस्त हो गया था.