रांचीः झारखंड की राजधानी रांची के अरगोड़ा चौक के निकट एक निजी अस्पताल लिटिल हर्ट्स पर लगे गंभीर आरोप के बाद रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं.
दो दिन पूर्व रांची के अरगोड़ा चौक स्थित इस निजी अस्पताल में 27 दिन के एक नवजात की मौत हो गई थी.
हरमू के गंगानगर निवासी मुकेश सिंह ने अस्पताल के दो डॉक्टरों के खिलाफ आरोप लगाते हुए अरगोड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है कि उनके बच्चे की मौत हो जाने के बाद भी चार दिनों तक उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था.
गुरुवार की देर शाम राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में नवजात के शव का पोस्टमार्टम भी करवाया गया है.
इस बीच रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने इस मामले में जांच बैठायी है.
इस जांच में कार्यपालक दंडाधिकारी जिला समाज कल्याण पदाधिकारी के अलावा विशेषज्ञ चिकित्सक शामिल रहेंगे. यह जांच समिति विभिन्न बिंदुओं पर जांच करेगी.
डीसी ने कहा है, यदि जांच के बाद अस्पताल प्रबंधन या संबंधित किसी भी व्यक्ति की लापरवाही या दोष सिद्ध होता है, तो उनके विरुद्ध नियमसंगत कठोर कार्रवाई की जाएगी.
मुकेश सिंह ने अपनी शिकायत में बताया है कि चार जुलाई को सदर अस्पताल में उनके पुत्र का जन्म हुआ था. आठ जुलाई को संक्रमण के कारण उसे लिटिल हर्ट्स न्यू बॉर्न सेंटर रेफर कर दिया गया.
अस्पताल ने 15 दिनों तक नवजात से उन्हें और परिवार के सदस्यों को मिलने नहीं दिया. जब बच्चे को देखने की उनलोगों ने जिद की तो डॉक्टरों ने धमकाया. फिर जब बच्चा सौंपा गया, तो वह मृत था.
इधर सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है.