मॉरीशस के पोर्ट लुइस में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जब मैं मॉरीशस आता हूं, तो ऐसा लगता है कि अपनों के बीच ही तो आया हूं. यहां की हवा में, यहां की मिट्टी में, यहां के पानी में अपनेपन का एहसास है. यहां की मिट्टी में हमारे पूर्वजों का खून और पसीना मिला हुआ है. मॉरीशस के लोगों ने, यहां की सरकार ने, मुझे अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने का फैसला लिया है. मैं आपके निर्णय को विनम्रता से स्वीकार करता हूं. ये भारत और मॉरीशस के ऐतिहासिक रिश्तों का सम्मान है.
मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने मंगलवार को पीएम मोदी को देश का सर्वोच्च सम्मान, ‘द ग्रांड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन’ से नवाजा. पीएम मोदी को यह सम्मान भारत और मॉरीशस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके अमूल्य योगदान के लिए दिया गया.
पीएम मोदी इस सम्मान को प्राप्त करने वाले पहले भारतीय हैं, और यह 21वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है, जो उन्हें किसी अन्य देश द्वारा प्रदान किया गया है। इस अवसर पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री रामगुलाम ने कहा कि मोदी पांचवे विदेशी नागरिक हैं, जिन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान दिया गया है.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मुझे याद है, साल 1998 में अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन के लिए मुझे यहां आने का अवसर मिला था. तब मैं किसी सरकारी पद पर भी नहीं था. एक सामान्य कार्यकर्ता के रूप में यहां आया था. संयोग देखिए, नवीन रामगुलाम उस समय भी प्रधानमंत्री थे. जब मैं प्रधानमंत्री बना तो नवीन रामगुलाम मेरे शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने दिल्ली आए थे.
महाकुंभ के उसी समय का पवित्र जल’
पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैं जानता हूं कि मॉरीशस के अनेक परिवार अभी-अभी महाकुंभ में भी होकर आए हैं. दुनिया को आश्चर्य हो रहा है कि मानव इतिहास का, विश्व का, ये सबसे बड़ा समागम था और उसमें मॉरीशस के लोग भी गए थे।.लेकिन मुझे ये भी पता है कि मॉरीशस के मेरे अनेक परिवारजन चाहते हुए भी एकता के इस महाकुंभ में नहीं जा पाए. मुझे आपकी भावनाओं का ध्यान है, इसलिए मैं आपके लिए पवित्र संगम का और महाकुंभ के उसी समय का पवित्र जल साथ लेकर आया हूं.
मखाना दुनिया भर में स्नैक्स मैन्यू का होगा हिस्सा
पीएम मोदी ने बिहार का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार के साथ आपका भावुक संबंध भी मैं समझता हूं. दुनिया के अनेक हिस्से जब पढ़ाई-लिखाई से कोसों दूर थे, तब नालंदा जैसा ग्लोबल इंस्टीट्यूट भारत में था, बिहार में था. हमारी सरकार ने फिर से नालंदा यूनिवर्सिटी को और नालंदा स्पिरिट को रिवाइव किया है. बिहार का मखाना, ये आज भारत में बहुत चर्चा में है. आप देखेंगे कि वो दिन दूर नहीं, बिहार का ये मखाना, दुनिया भर में स्नैक्स मैन्यू का हिस्सा होगा.
भारत हमेशा मॉरीशस के साथ खड़ा
संकट के समय में भारत हमेशा मॉरीशस के साथ खड़ा रहा है. कोविड-19 के दौरान, भारत एक लाख वैक्सीन और जरूरी दवाइयां पहुंचाने वाला पहला देश था. जब मॉरीशस संकट का सामना करता है, तो भारत सबसे पहले मदद के लिए आगे आता है. जब मॉरीशस समृद्ध होता है तो भारत सबसे पहले जश्न मनाता है. जैसा कि मैंने पहले कहा कि हमारे लिए मॉरीशस एक परिवार है.
12 मार्च दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण दिन
पिछले साल मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस पर भारत के राष्ट्रपति मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे, जो भारत और मॉरीशस के बीच मजबूत संबंधों को दर्शाता है. 12 मार्च को राष्ट्रीय दिवस के रूप में मुझे चुनना दोनों देशों के साझा इतिहास को भी दर्शाता है. यह तारीख इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन महात्मा गांधी ने उत्पीड़न और अन्याय के खिलाफ दांडी सत्याग्रह शुरू किया था.