रामगढ़ः झारखंड के पतरातू सुपर थर्मल पावर प्लांट की पहली यूनिट को सफलतापूर्वक ग्रिड से जोड़ दी गई है. इस यूनिट से बहुत जल्दी 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन होने लगेगा. मंगलवार को पहले दिन के ट्रायल में 100 मेगावाट तक बिजली उत्पादन हो रहा था. संभावना है कि 31 मार्च तक 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन होने लगेगा. यहां से सारी बिजली झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को मिलने लगेगी. इस प्लांट की शेष दो यूनिट इस वर्ष के अंत तक उत्पादन करने लगेगी.
झारखंड में अदाणी पावर के बाद 800 मेगावाट की एक यूनिट का यह दूसरा पावर प्लांट है. गोड्डा स्थित अदाणी पावर प्लांट में 800-800 मेगावाट की दो यूनिट है. कुल 1600 मेगावाट उत्पादन हो रहा है. लेकिन करार के तहत गोड्डा स बिजली बांग्लादेश को भेजी जाती है.
पतरातू में कुल 4000 मेगावाट का सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट बनाया जाना है. जिसमें प्रथम चरण में 2400 मेगावाट का उत्पादन इसी वर्ष होने लगेगा. शेष 1600 मेगावाट के लिए यूनिट निर्माण की प्रक्रिया अगले वर्ष से शुरू की जायेगी. तीन यूनिट से 80 प्रतिशत बिजली यानी कि 1960 मेगावाट झारखंड को मिलने लगेगी. तब राज्य बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बन जायेगा.
ग्रिड से जोड़े जाने के बाद पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल) के सीइओ आरके सिंह ने कहा है, “यह हमारे लिये ऐतिहासिक दिन है. आज हमने पहली यूनिट को सिंक्रोनाइज कर 100 मेगावाट तक उत्पादन किया है. यह हमारी टीम भावना, हमारे प्रमोटर जेबीवीएनएल और झारखंड सरकार के सहयोग से हो सका है.”
उन्होंने कहा कि पीवीयूएनएल का अगला लक्ष्य यूनिट-1 के लिए इस वित्तीय वर्ष के भीतर वाणिज्यिक संचालन तिथि प्राप्त करना है. इसके अलावा, कंपनी वित्तीय वर्ष 2025-26 में फेज-एक की बची हुई दो इकाइयों की कमीशनिंग के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे भारत की विद्युत उत्पादन क्षमता को और बढ़ावा मिलेगा.